कृषि- किसान

किसान सरसों में करें इस दवा का छिड़काव, फसल कर देंगे ये कीट खराब

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कीटों और रोगों से सरसों की फसल बचाने के लिए किसानों को उचित प्रबंधन और देखभाल करनी होगी. कन्नौज जिले में सरसों की लगभग 14940 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती की जाती है. कृषि वैज्ञानिक अमर सिंह कहते हैं कि सरसों में माहू कीट का प्रकोप सबसे ज्यादा होता है, जो पौधे की पत्तियों, फूलों और फलियों से रस चूस कर उसे कमजोर कर देता है.

माहू कीट से निपटने के लिए खेत में पीले रंग का स्टीकी ट्रैप (चिपकने वाला पदार्थ) 10 से 12 प्रति एकड़ की दर से लगाएं. इसका अधिक प्रकोप होने पर कीटनाशक थायोमेथाक्जाम या इमिडाक्लोप्रिड की 0.5 ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें.

रोग प्रबंधन की शुरुआत में घुलनशील सल्फर दो ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़कें. फसल पर रोग के लक्षण दिखाई देने पर मैनकोजेब का भी दो ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव किया जा सकता है.

कृषि वैज्ञानिक अमर सिंह बताते हैं कि इस वक्त जैसा मौसम चल रहा है, इसमें सरसों के किसानों को बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है इस फसल में अब माहू कीट लगने की संभावना प्रबल हो जाएगी. माहू कीट पत्तियों के ऊपर ही दिखने लगता है. समय रहते अच्छी क्वालिटी का कीटनाशक प्रयोग करके इनसे निजात पा सकते हैं.



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