मोदी के बचपन से ग्लोबल पॉलिटिक्स तक, लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में खुलकर बोले PM
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन घंटे लंबा पॉडकास्ट आ गया है. मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने PM के साथ बात करने से पहले 45 घंटे का उपवास रखा. नरेंद्र मोदी ने अपनी ताकत को 1.4 अरब भारतीयों और उनकी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ा, यह कहते हुए कि वे शांति और सामंजस्य के पक्षधर हैं. उन्होंने अपने गरीब बचपन, उपवास की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक शक्ति, और इसे जीवन में शामिल करने की बात की. PM मोदी ने अपने प्रारंभिक जीवन में वडनगर की ऐतिहासिक समृद्धि और परिवार की मेहनत का ज़िक्र किया. युवाओं को धैर्य, मेहनत और “कुछ करने” की सलाह दी, न कि सिर्फ़ “बनने” की. हिमालय यात्रा में आध्यात्मिक खोज और सेवा की भावना को रेखांकित किया. पीएम ने तकनीक को सशक्तिकरण का साधन मानते हुए, एआई और डिजिटल क्रांति में भारत की भूमिका पर जोर दिया.
PM मोदी के पॉडकास्ट की बड़ी बातें
- पॉडकास्ट में PM मोदी ने कहा कि उनकी ताकत उनके नाम में नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों और हजारों सालों की भारतीय संस्कृति और विरासत में निहित है. वे जब भी विश्व नेताओं से मिलते हैं, तो इसे भारत का प्रतिनिधित्व मानते हैं, न कि व्यक्तिगत उपलब्धि. उनका विश्वास है कि भारत शांति का समर्थक है, क्योंकि यह गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है, जहाँ टकराव के बजाय सद्भाव को प्राथमिकता दी जाती है.
- उन्होंने अपने शुरुआती जीवन में आध्यात्मिक खोज के लिए दो साल हिमालय में बिताए, जहाँ वे विभिन्न संतों से मिले. जहां से लौटकर उन्होंने समाज सेवा में खुद को समर्पित किया और अंततः राजनीति में प्रवेश किया. मोदी का मानना है कि जीवन में कोई शॉर्टकट नहीं होता और धैर्य तथा अनुशासन ही सफलता की कुंजी हैं. वे युवाओं को सलाह देते हैं कि उन्हें पाने और बनने के सपने देखने के बजाय कुछ करने का सपना देखना चाहिए.
- उनकी नेतृत्व शैली निर्णायक और कभी-कभी विवादास्पद मानी जाती है, लेकिन वे स्पष्ट रूप से कहते हैं कि उनकी प्राथमिकता भारत की सेवा करना है. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान को शांति वार्ता के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्हें विश्वासघात का सामना करना पड़ा. फिर भी, वे शांति के मार्ग पर बने रहने में विश्वास रखते हैं.
- लेक्स फ्रिडमैन ने इस बातचीत को अपनी सबसे प्रेरणादायक चर्चाओं में से एक बताया. उनका मानना है कि दुनिया को ऐसे नेताओं की जरूरत है, जो केवल अपने राष्ट्र की पहचान बनाए रखने तक सीमित न रहें, बल्कि पूरी मानवता को एकजुट करें. मोदी के अनुसार, भारत की एकता इसकी विविधता में निहित है, और विभिन्न भाषाओं, परंपराओं और सांस्कृतिक विविधताओं के बावजूद, भारत की आत्मा एक है.
- उन्होंने महात्मा गांधी की विचारधारा को भी सराहा और बताया कि कैसे गांधी ने हर व्यक्ति को स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बनाया, चाहे वह सफाईकर्मी हो, शिक्षक हो या किसान. मोदी की विचारधारा राष्ट्रवाद से प्रेरित है, लेकिन वह इसे पूरी मानवता के कल्याण से जोड़कर देखते हैं. उन्होंने अपने नेतृत्व के तहत भारत की वैश्विक भूमिका को स्पष्ट किया और कहा कि भारत कभी किसी के सामने झुकेगा नहीं, बल्कि अपने समकक्षों के साथ सम्मानपूर्वक चलेगा. उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का संदर्भ देते हुए शांति वार्ता की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि युद्ध से कभी समाधान नहीं निकलता, बल्कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है.
PM Modi Podcast Live: जब मैं स्वामी विवेकानंद या छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में पढ़ता था तो…
पीएम मोदी ने हिमालय में बिताए अपने दिनों के बारे में कहा, “देखिए, मैं आमतौर पर इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करता, लेकिन इसके कुछ बाहरी पहलुओं को साझा कर सकता हूं. मैं एक बहुत छोटे कस्बे में बड़ा हुआ. हमारा जीवन समुदाय का हिस्सा होने के बारे में था. हम लोगों के बीच, उनके आसपास रहते थे. जीवन बस ऐसा ही था. गांव में एक पुस्तकालय था, और मैं वहां अक्सर किताबें पढ़ने जाता था. जब भी मैं किताबों से कुछ पढ़ता था, तो मुझे अक्सर प्रेरणा मिलती थी, सोचता था, ‘मुझे भी अपना जीवन ऐसा क्यों नहीं बनाना चाहिए?’ वह इच्छा हमेशा थी. जब मैं स्वामी विवेकानंद के बारे में पढ़ता था या छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में पढ़ता था, तो मैं अक्सर सोचता था, ‘उन्होंने कैसे जिया? उन्होंने इतना उल्लेखनीय जीवन कैसे बनाया?’ और इसके लिए, मैं लगातार अपने ऊपर प्रयोग करता था. मेरे ज्यादातर प्रयोग शारीरिक प्रकृति के थे, अपने शरीर की सीमाओं को परखते हुए.”
PM Modi Podcast Live: ‘हम न तो प्रकृति के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते हैं, न ही राष्ट्रों के बीच झगड़ा’
पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में कहा, “हम न तो प्रकृति के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते हैं, न ही राष्ट्रों के बीच झगड़ा बढ़ाना चाहते हैं. हम शांति के लिए खड़े हैं, और जहां कहीं भी हम शांतिदूत की भूमिका निभा सकते हैं, हमने उस जिम्मेदारी को खुशी से स्वीकार किया है. मेरा शुरुआती जीवन बहुत गरीबी में बीता था, लेकिन हमें गरीबी का बोझ कभी महसूस नहीं हुआ. देखिए, जो व्यक्ति अच्छे जूते पहनने का आदी होता है, उसे उनकी कमी तब खलती है जब वे उसके पास नहीं होते, लेकिन हमने तो अपने जीवन में कभी जूते पहने ही नहीं थे. तो हमें कैसे पता कि जूते पहनना कोई बड़ी बात है? हमारे पास तुलना करने की स्थिति ही नहीं थी. हम बस वैसे ही जीते थे.”
PM Modi Podcast Live: पाकिस्तान पर क्या बोले PM मोदी?
नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के अपने प्रयासों के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था, लेकिन शांति के प्रयासों को विश्वासघात का सामना करना पड़ा. मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं, लेकिन उनकी सरकार आतंकवाद का समर्थन करती है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है.
PM Modi Podcast Live: ‘मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के समर्थन में है’
पीएम मोदी ने कहा, “मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के समर्थन और हजारों सालों की कालातीत संस्कृति और विरासत में निहित है. तो जहाँ कहीं भी मैं जाता हूं, मैं अपने साथ हजारों सालों की वैदिक परंपरा का सार, स्वामी विवेकानंद की कालातीत शिक्षाएं और 1.4 अरब भारतीयों के आशीर्वाद, सपने और आकांक्षाएं लेकर जाता हूं. जब मैं किसी विश्व नेता से हाथ मिलाता हूँ, तो वह मैं, मोदी, नहीं होता, बल्कि 1.4 अरब भारतीय ऐसा करते हैं. तो यह मेरी ताकत बिल्कुल भी नहीं है. यह बल्कि भारत की ताकत है. जब भी हम शांति की बात करते हैं, दुनिया हमारी सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है, और भारतीयों का स्वभाव संघर्ष और टकराव को बढ़ावा देने का नहीं है. हम इसके बजाय सामंजस्य को अपनाते हैं.”
PM Modi Podcast Live: ‘आज मेरा जीवन जो कुछ भी है वह मां, पिता और मेरे शिक्षकों की वजह से’
पीएम मोदी ने कहा, “और हमें इसके कारण जल्दी उठना पड़ता था. इस बीच, मेरी माँ उनका ध्यान रखती रहती थीं. इस सेवा भावना को, एक तरह से, इन अनुभवों के माध्यम से पोषित किया गया. समाज के प्रति सहानुभूति, दूसरों के लिए अच्छा करने की इच्छा, ये मूल्य मुझे मेरे परिवार से मिले. मुझे लगता है कि मेरा जीवन मेरी माँ, मेरे पिता, मेरे शिक्षकों और जिस माहौल में मैं बड़ा हुआ, उससे आकार लिया है.”
प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर स्वामी विवेकानंद का प्रभाव
प्रधानमंत्री मोदी ने साझा किया कि बचपन में वे अक्सर गांव की लाइब्रेरी जाते थे, जहाँ उन्होंने स्वामी विवेकानंद के बारे में पढ़ा, जिनकी शिक्षाओं ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला. उन्होंने विवेकानंद जी से सीखा कि सच्ची संतुष्टि व्यक्तिगत उपलब्धियों से नहीं, बल्कि निस्वार्थ सेवा से मिलती है. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी विवेकानंद के जीवन की एक प्रेरणादायक घटना सुनाई, जब विवेकानंद जी की मां बीमार थीं, तो वे श्री रामकृष्ण परमहंस जी के पास मदद मांगने गए. परमहंस जी ने उन्हें देवी काली के पास जाकर प्रार्थना करने की सलाह दी. लेकिन जब विवेकानंद जी देवी काली के पास गए, तो वे कुछ भी माँग नहीं सके. इस अनुभव ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि कैसे वे उस परम दिव्य शक्ति से कुछ माँग सकते हैं, जिसने पहले ही इस संसार को सब कुछ प्रदान कर दिया है. इस अनुभव से विवेकानंद जी को यह बोध हुआ कि मानवता की सेवा ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है.
PM Modi Podcast Live: पीएम मोदी ने किया मां की दयालुता का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने बचपन का जिक्र करते हुए कहा, “हम बेफिक्र रहते थे, जो भी थोड़ा बहुत हमारे पास था, उसका आनंद लेते थे और कड़ी मेहनत करते रहते थे. हमने कभी इन चीजों की शिकायत नहीं की. और मेरे जीवन के ये सभी पहलू, चाहे आप इसे सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य, राजनीति में इस तरह से सामने आए कि वे उजागर होने लगे. क्योंकि जब मैं मुख्यमंत्री की शपथ ले रहा था, तो टीवी रिपोर्टर मेरे गांव गए, मेरे बचपन के दोस्तों से सवाल किए, मेरे घर के वीडियो लेने गए. तभी लोगों ने पूछना शुरू किया, ‘यह कौन है और इसका बैकग्राउंड क्या है?’ इससे पहले, बहुत कम लोग मेरे जीवन के बारे में जानते थे. यही मेरी यात्रा रही है. मेरी मां में दूसरों की भलाई की देखभाल करने की एक स्वाभाविक भावना थी. यह उनके अस्तित्व के ताने-बाने में बुनी हुई थी. उन्हें पारंपरिक उपचार और चिकित्सा पद्धतियों का ज्ञान था, और वे इन घरेलू उपचारों से बच्चों का इलाज करती थीं. हर सुबह सूरज उगने से पहले, लगभग पांच बजे, वे उनका इलाज शुरू कर देती थीं, इसलिए सभी बच्चे और उनके माता-पिता हमारे घर इकट्ठा हो जाते थे, छोटे बच्चे रोते रहते थे, और हमें इसके कारण जल्दी उठना पड़ता था.”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जीवन में RSS की भूमिका पर बात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RSS के साथ अपने गहरे संबंध को दर्शाते हुए इसे अपना “सौभाग्य” (विशेषाधिकार) बताया कि वे इस अद्वितीय विरासत का हिस्सा बने. उन्होंने कहा कि वे खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें अपने जीवन का उद्देश्य और निस्वार्थ सेवा के मूल्य RSS से मिले. प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्तर पर RSS द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की. उन्होंने यह भी बताया कि RSS बड़े पैमाने पर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ देशभर में प्रदान कर रहा है. साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने वामपंथी मजदूर संघों और RSS से जुड़े श्रमिक संघों के बीच के अंतर को भी उजागर किया. उन्होंने कहा, “वामपंथी संघ कहते हैं – ‘दुनिया के मजदूरों, एक हो जाओ’ जबकि RSS का मजदूर संघ कहता है – ‘मजदूरों, दुनिया को एक करो.’” यह अंतर दिखाता है कि RSS अपने मूल्यों को किस तरह अपने दृष्टिकोण में आत्मसात करता है.
PM Modi Podcast Live: पीएम मोदी ने कहा, हमने कभी गरीबी के बारे में नहीं सोचा
पीएम मोदी ने कहा, “मेरे लिए, वे जूते एक कीमती संपत्ति थे, एक बड़े धन का प्रतीक. मुझे ठीक से नहीं पता क्यों, लेकिन बचपन से ही हमारी माँ सफाई को लेकर बहुत सख्त थीं. शायद वहीं से हमने भी वह आदत अपनाई. मुझे नहीं पता कि मैंने साफ-सुथरे कपड़े पहनने की आदत कैसे अपनाई, लेकिन यह बचपन से ही रही है. जो भी पहनता, उसे सही तरीके से पहनता. उस समय, जैसा कि आप सोच सकते हैं, हमारे पास कपड़े प्रेस करने की कोई व्यवस्था नहीं थी. तो इसके बजाय, मैं एक तांबे के बर्तन में पानी गर्म करता, उसे चिमटे से पकड़ता और अपने कपड़ों को खुद प्रेस करता. फिर मैं स्कूल के लिए निकलता. इसी तरह मैं जीता था, और मुझे इसमें खुशी मिलती थी. हमने कभी गरीबी के बारे में नहीं सोचा, न ही इस बात की परवाह की कि दूसरे कैसे जीते हैं या उनकी क्या समस्याएं हैं.”
PM Modi Podcast Live: पीएम मोदी को स्कूल के दिनों में कैसे मिला पहला जूता?
पीएम मोदी ने आगे कहा, “एक दिन, जब मैं स्कूल जा रहा था, तो रास्ते में मेरे चाचा से मुलाकात हो गई. उन्होंने मुझे देखा और हैरान होकर बोले, ‘अरे, तुम बिना जूतों के स्कूल जाते हो?’ उस समय उन्होंने मुझे एक जोड़ी कैनवास के जूते खरीदकर दिए और पहनने को कहा. तब उनकी कीमत लगभग 10 या 12 रुपये रही होगी. लेकिन बात यह थी कि वे सफेद कैनवास के जूते थे, जो जल्दी गंदे हो जाते थे. तो मैंने क्या किया? शाम को, स्कूल खत्म होने के बाद, मैं थोड़ी देर रुकता था. मैं एक क्लास से दूसरे क्साल में जाकर, शिक्षकों द्वारा फेंके गए चॉक के टुकड़े इकट्ठा करता था. मैं उन चॉक के टुकड़ों को घर ले जाता, पानी में भिगोता, पेस्ट बनाता और अपने कैनवास के जूतों को उससे चमकाता, जिससे वे फिर से चमकदार सफेद हो जाते थे.”
PM Modi Podcast Live: पीएम मोदी ने सुनाया पिता के जूतों का दिलचस्प किस्सा
पीएम मोदी ने अपने पिता के बारे में कहा, “उन्होंने पारंपरिक चमड़े के जूते पहने थे, जो गाँव में हाथ से बने थे. ये जूते बहुत मजबूत और टिकाऊ थे, और जब वह चलते थे तो एक अलग ‘टक, टक, टक’ की आवाज़ करते थे. गाँव के लोग कहते थे कि वे सिर्फ उनके कदमों की आवाज़ सुनकर ही समय का अंदाजा लगा सकते थे. “ओह, हाँ,” वे कहते थे, “श्री दामोदर आ रहे हैं.” ऐसा था उनका अनुशासन. वह रात देर तक बिना थके काम करते रहते थे. हमारी माँ भी यह सुनिश्चित करती थीं कि हमें कभी भी हमारी परिस्थितियों का संघर्ष महसूस न हो, लेकिन फिर भी, इन कठिन परिस्थितियों का हमारे मन पर कभी कोई असर नहीं पड़ा. मुझे याद है कि स्कूल में, जूते पहनने का विचार कभी मेरे मन में नहीं आया.”
PM Modi Podcast Live: हमने कभी जीवन में जूते पहने ही नहीं थे तो हमें कैसे पता चलता कि…
पीएम मोदी ने गरीबी की जिक्र करते हुए कहा, “देखिए, जो व्यक्ति अच्छे जूते पहनने का आदी होता है, उसे उनकी अनुपस्थिति महसूस होती है जब वे नहीं होते. लेकिन हमारे लिए, हमने कभी जीवन में जूते पहने ही नहीं थे. तो हमें कैसे पता चलता कि जूते पहनना कोई बड़ी बात है? हम तुलना करने की स्थिति में नहीं थे. यही हमारा जीवन था. हमारी मां ने बहुत मेहनत की. मेरे पिता भी. वे बेहद मेहनती थे, और वे बहुत अनुशासित भी थे. हर सुबह लगभग 4:00 या 4:30 बजे वे घर से निकलते, लंबी दूरी तय करते, कई मंदिरों में जाते, और फिर अपनी दुकान पर पहुंचते.”
PM Modi Podcast Live: ‘हम जिस घर में रहते थे वहां कोई खिड़की नहीं थी, बस एक छोटा-सा दरवाजा था’
पीएम मोदी ने अपने परिवार के बारे में बात करते हुए कहा, “जब मैं अपने परिवार के बारे में सोचता हूं, मेरे पिता, मेरी मां, मेरे भाई-बहन, मेरे चाचा-चाची, दादा-दादी, हम सब एक छोटे से घर में साथ बड़े हुए. जिस जगह हम रहते थे, वह शायद उस जगह से भी छोटी थी जहां हम अभी बैठे हैं. वहां कोई खिड़की नहीं थी, बस एक छोटा सा दरवाजा था. वहीं मेरा जन्म हुआ. वहीं मैं बड़ा हुआ. अब, जब लोग गरीबी की बात करते हैं, तो इसे सार्वजनिक जीवन के संदर्भ में चर्चा करना स्वाभाविक है, और उन मानकों के अनुसार, मेरा शुरुआती जीवन अत्यधिक गरीबी में बीता, लेकिन हमने कभी वास्तव में गरीबी का बोझ महसूस नहीं किया.”
PM Modi Podcast Live: पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन को बताया, कितना खास है उनका गांव
पीएम मोदी ने कहा, “मेरे गांव में कुछ अद्भुत पहलू थे, जो दुनिया में कहीं और बहुत कम मिलते हैं. जब मैं स्कूल में था, तो हमारे गांव में एक बुजुर्ग थे जो नियमित रूप से छात्रों से कहते थे, “सुनो बच्चों, जहां भी जाओ, अगर तुम्हें कोई नक्काशीदार पत्थर मिले, या उस पर कोई शिलालेख हो या कोई भी खुदाई की हुई चीज हो, तो उसे लाकर स्कूल के इस कोने में रख दो.” समय के साथ, मेरी जिज्ञासा बढ़ी और मैंने समझना शुरू किया. मुझे एहसास हुआ कि मेरे गांव का एक समृद्ध और प्राचीन इतिहास है. स्कूल में चर्चाओं के दौरान अक्सर इसके अतीत के बारे में और भी दिलचस्प जानकारियां मिलती थीं. बाद में मुझे पता चला कि चीन ने इसके बारे में एक फिल्म भी बनाई थी. मैंने एक अखबार में पढ़ा था कि एक फिल्म में चीनी दार्शनिक ह्वेन त्सांग का जिक्र था, जिन्होंने कई सदियों पहले मेरे गांव में काफी समय बिताया था. उस समय, यह बौद्ध शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र था. इसी तरह मुझे इसके बारे में पहली बार पता चला. और शायद 1400 के आसपास, यह एक प्रमुख बौद्ध शैक्षिक केंद्र था.”
PM Modi Podcast Live: पीएम मोदी ने अपने शुरुआती जीवन को लेकर कही बड़ी बात
पीएम मोदी ने अपने शुरुआती जीवन को लेकर कहा, “मेरा जन्मस्थान गुजरात में है, विशेष रूप से उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के एक छोटे से शहर वडनगर में. ऐतिहासिक रूप से, इस शहर का बहुत महत्व है, और यहीं पर मेरा जन्म हुआ और मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की. आज जब मैं दुनिया को समझता हूं, तो अपने बचपन और उस अनोखे माहौल को याद करता हूं जिसमें मैं बड़ा हुआ.”
PM Modi Podcast Live: पीएम मोदी ने पॉडकास्ट को लेकर क्या कहा?
पीएम नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत को बेहद दिलचस्प करार दिया था. उन्होंने एक्स पर कहा, “@lexfridman के साथ यह वास्तव में एक आकर्षक बातचीत थी, जिसमें मेरे बचपन, हिमालय में बिताए वर्षों और सार्वजनिक जीवन की यात्रा सहित विविध विषयों पर चर्चा हुई. कृपया इस संवाद का हिस्सा बनें!”
PM Modi Podcast Live: पीएम मोदी के 3 घंटे के पॉडकास्ट को लेकर किस तरह की उम्मीदें हैं?
बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने इस पॉडकास्ट में अपने जीवन से जुड़ी कई घटनाओं का जिक्र किया है. लेक्स फ्रिडमैन के सात पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी से भारत के जटिल और गहरे इतिहास और बचपन से लेकर हिमालय में बिताए गए वर्षों से लेकर गुजरात के तीन बार मुख्यमंत्री और तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन तक की अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर बात करने की उम्मीद है.
PM Modi Podcast Live: कौन हैं पीएम मोदी का इंटरव्यू लेने वाले लेक्स फ्रिडमैन?
लेक्स फ्रिडमैन 2015 से मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में एक रिसर्च साइंटिस्ट हैं. उनके पॉडकास्ट में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, ग्लोबल पॉलिटिक्स, क्रिप्टोकरेंसी, ग्लोबल जियोपॉलिटिक्स और टेक्नोलॉजी जैसे कई विषय शामिल हैं.
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