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नोएडा : FD तुड़वाकर 1.10 करोड़ की ठगी, स्काइप कॉल के जरिए परिवार पर रखी नजर

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तुम्हारे खिलाफ अलग-अलग जगहों पर सीबीआई में मनी लॉन्ड्रिंग के 24 केस दर्ज हैं। तुम्हारे फोन से कॉल कर लोगों से पैसा वसूला गया है। तुम्हारे खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। तुम्हें अरेस्ट कर मुंबई साइबर क्राइम सेल के सामने पेश किया जाएगा। जहां से तुम्हें, तुम्हारी पत्नी और बेटी को जेल भेज दिया जाएगा। अगर जेल जाने से बचना चाहते हो बताए गए खाते में 2 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दो।’

यह धमकी साइबर ठगों ने नोएडा के सेक्टर-19 के ए ब्लॉक में रहने वाले चंद्रभान पालीवाल को दी। चंद्रभान एलआईसी मैनेजर के पद से रिटायर्ड हैं। ठगों ने उन्हें, उनकी पत्नी और बेटी को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। जेल भेजने की धमकी दी तो परिवार ने FD तुड़वाकर ठगों के बताए गए अकाउंट में 1.10 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए।

इसके बाद फोन कट गया। पीड़ित ने जब उस नंबर पर फोने मिलाया तो संपर्क नहीं हुआ। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद पुलिस से शिकायत की।

सेक्टर-19 के ए ब्लॉक में रहने वाले चंद्रभान पालीवाल ने बताया कि एक फरवरी को दोपहर दो बजकर 40 मिनट पर उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने मुझसे तुरंत ट्राई से संपर्क करने को कहा। ऐसा न करने पर दो घंटे के अंदर सिम बंद होने की धमकी दी।

जब मैंने पूछा कि मैं कॉल क्यों करूं तो फोन करने वाले ने कहा कि तुम्हारे खिलाफ मुकदमा है। जिसकी जांच मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच कर रही है। मैंने उससे पूछा कि कौन सा मुकदमा, मैंने तो कुछ किया ही नहीं, मुंबई तो मैं कभी गया ही नहीं। इस पर उसने कहा, अभी आपके पास मुंबई से फोन आएगा। इतना कहकर उसने फोन काट दिया।

चंद्रभान ने बताया कि करीब 10 मिनट बाद मुंबई के कोलावा पुलिस स्टेशन से एक व्यक्ति की वीडियो कॉल आई। उसने खुद को IPS अधिकारी राजीव कुमार बताया।

कथित IPS राजीव कुमार ने जो वीडियो कॉल किया, उसमें ग्रेटर मुंबई पुलिस का लोगो दिख रहा था। राजीव ने कहा- तुम्हारे खिलाफ अलग-अलग जगहों पर 24 केस दर्ज हैं। तुम पर लोगों को डरा धमकाकर पैसा वसूलने का आरोप है। तुम्हारे खिलाफ सीबीआई में मनीलॉड्रिंग का केस दर्ज है।

चंद्रभान ने बताया कि फोन करने वाले राजीव ने खुद को केस का जांच अधिकारी बताया। कहा- तुम्हारे नाम से केनरा बैंक मुंबई में एक खाता खोला गया है। उस अकाउंट से पैसा तुम्हारे अन्य अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है। ये सारा पैसा मनी लॉन्ड्रिंग का है।

फर्जी IPS नक मुझसे कहा- जिस सिम से लोगों को फोन कर पैसा वसूला गया, वो तुम्हारे नाम है। इतना सुनकर मैं और मेरा परिवार डर गया। फोन करने वाले ने कहा- अब जल्द ही तुम सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। आप सभी को मुंबई साइबर क्राइम सेल के सामने पेश किया जाएगा।

राजीव ने मुझसे कैमरे के सामने आधार कार्ड की जांच की। उसका फोटो लिया। मुझसे मेरे बैंक खातों की जानकारी ली। राजीव ने कहा- तुम्हारी जांच रिपोर्ट सीबीआई को भेज रहा हूं। इसके करीब 15 मिनट बाद एक और कॉल मेरे पास आई। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया।

उसने कहा- आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज है। आपको और आपके परिवार को जेल भेजा जाएगा। इस पर मैं और भी डर गया। उसने कहा- तुम्हें अलग जेल में रखा जाएगा। जबकि तुम्हारी पत्नी और बेटी को अलग-अलग रखा जाएगा।

उसने मेरी पत्नी और बेटी का नंबर भी ले लिया। उसने दोनों लोगों को जांच पूरी होने तक अनजान और किसी अन्य व्यक्ति की कॉल न उठाने की हिदायत दी। फोन करने वाले ने कहा- जेल जाने से बचना चाहते हो तो मेरे खाते में 2 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दो। 5 फरवरी को जेल जाने के डर से मैंने एफडी तुड़वाकर बताए गए खातों में 1.10 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद फोन कट गया।

पीड़ित ने बताया ाकि एक फरवरी से लेकर 5 फरवरी तक ठगों ने हर घंटे स्काइप कॉल के जरिए परिवार पर नजर रखी। खाना-पीना भी उन्हीं के सामने हुआ। जब भी किचन में पत्नी या बेटी जाती तो फोन सामने रख कर जाने देते।

जब भी कोई कमरे से बाहर खाने-पीने या बाथरूम जाता तो घर के मेन गेट को वीडियो कॉल के जरिए देखते रहते। 5 दिन तक मेरा परिवार डरा-सहमा रहा। पत्नी तो रात को सोती भी नहीं थी, बेटी रोती रहती थी।

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