पुलिस का बड़ा खुलासा : संसद के बाहर आत्मदाह का था प्लान, इस कारण नाकाम रहा आरोपी सागर शर्मा
दिल्ली. लोकसभा में स्मोक क्रैकर के साथ घुसपैठ (Parliament Security Breach) मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ((Delhi Police Special Cell)) से हुई पूछताछ में एक आरोपी सागर शर्मा ने बड़ा खुलासा किया है. स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक सागर ने कबूल किया कि उसने संसद भवन के बाहर खुद को जलाने की योजना बनाई थी. लेकिन बाद में इस योजना को छोड़ दिया गया. स्पेशल सेल को सागर ने ये भी बताया की एक जेल जैसा प्रदार्थ भी ऑनलाइन खरीदने का विचार किया गया था, जिसे शरीर पर लगाने से आग से खुद को बचाया जा सकता है. मगर ऑनलाइन पेमेंट नहीं होने के कारण वो जेल (Gel) नहीं खरीद पाए
इसके कारण संसद के बाहर खुद को आग लगने की योजना को आरोपियों ने छोड़ दिया. संसद भवन में घुसपैठ से जुड़ी साजिश के मामले में आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ चल रही है. वहीं दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत में कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार ललित झा पूरे षड्यंत्र का सरगना है. वह और दूसरे आरोपी देश में अराजकता फैलाना चाहते थे. जिससे वे सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर कर सकें. सूत्रों ने कहा कि पुलिस 13 दिसंबर को हुई इस घटना की गतिविधियों को दोहराने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले ललित मोहन झा को गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में दावा किया कि झा ने स्वीकार किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए आरोपी कई बार एक-दूसरे से मिले थे. पुलिस ने बताया कि इसके अलावा आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या उसका किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई संबंध है.
इस पूरे मामले में जांच की दिशा के बारे में बताते हुए पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे ललित झा को राजस्थान ले जाएंगे. जिससे उस जगह का पता चल सके, जहां उसने अपना फोन फेंका था और दूसरों के फोन जला दिए थे. अधिकारी ने बताया कि संसद में स्मोक क्रैकर के साथ घुसपैठ की घटना के बाद ललित झा राजस्थान भाग गया था. जहां वह दो दिन तक रहा और बाद में दिल्ली लौट आया. पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पुलिस के पास आरोपियों के मोबाइल फोन नहीं हैं. जिससे साजिश का पता लगाने और अधिक लोगों के शामिल होने के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिल सके.