Hindi News LIVE

Satyendar Jain Bail Appeal:  सत्येंद्र जैन ने कोर्ट में खेला जमानत का ऐसा दांव कि बगल झांकने लगी ईडी

Share News

दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आ चुके हैं. इससे आम आदमी पार्टी काफी उत्साहित है. इस बीच आप के एक और नेता सत्येंद्र जैन को लेकर भी उम्मीद की किरण दिखने लागी हैं. सत्येंद्र जैन जून 2022 से जेल में हैं. लगातार उनकी जमानत याचिका खारिज होती रही है. इस बीच उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से धनशोधन के मामले में ‘डिफॉल्ट जमानत’ देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच अधूरी है.

जेल में बंद जैन के वकील ने दलील दी कि निचली अदालत ने अधूरी सामग्री के आधार पर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और ऐसा संज्ञान कानून के तहत वैध नहीं है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने मामले को नौ अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है, जब विभिन्न पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनी जाएंगी. अदालत ने जैन के वकील को संक्षिप्त लिखित दलीलें दाखिल करने की भी अनुमति दी.

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, ईडी के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट की एक समन्वय पीठ ने हाल ही में सह-आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन की याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिसमें अधूरी जांच के आधार पर मामले में ‘डिफ़ॉल्ट जमानत’ का अनुरोध किया गया था.

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि अधीनस्थ अदालत ने सही निष्कर्ष निकाला है कि याचिकाकर्ताओं (वैभव और अंकुश जैन) के खिलाफ दाखिल शिकायत (आरोप पत्र) अपराध से जुड़े सभी आवश्यक तत्वों को समाहित करने के संदर्भ में पूर्ण थी

हालांकि, आप नेता के वकील ने कहा कि अन्य आरोपियों के खिलाफ हो सकता है कि जांच पूरी हो गई हो, लेकिन उनकी दलील यह है कि सत्येंद्र जैन के संबंध में जांच पूरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘निचली अदालत ने अधूरी सामग्री के आधार पर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था, इसलिए कानून की नजर में यह संज्ञान नहीं है.’’ अदालत को यह भी बताया गया कि जैन की नियमित जमानत याचिका निचली अदालत में लंबित है.

जैन पर कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धनशोधन का आरोप है. उन्होंने निचली अदालत के 15 मई के आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत उन्हें मामले में ‘डिफॉल्ट जमानत’ देने से इनकार कर दिया गया था. हाईकोर्ट ने 28 मई को नोटिस जारी करके याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था.

जैन ने दलील दी है कि ईडी वैधानिक अवधि के भीतर सभी मामलों में जांच पूरी करने में विफल रही और अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोपपत्र), जो अधूरी थी, उसे दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167(2) के प्रावधानों के तहत ‘डिफॉल्ट जमानत’ के उनके अधिकार से वंचित करने के प्रयास में दायर किया गया था. इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. अंकुश और वैभव को ईडी ने 30 जून 2022 को गिरफ्तार किया था

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *