मॉस्को तक पहुंच गया यूक्रेन, राजधानी में जमकर बरसाए गोले-बारूद
दिल्ली. रूस-यूक्रेन जंग में बीते ढाई साल से बैकफुट पर नजर आ रहे वोलोदिमीर जेलेंस्की अब फ्रंट-फुट पर आकर पुतिन एंड कंपनी को करारा जवाब दे रहे हैं. करीब एक सप्ताह पहले रूस में घुसकर हमले करने के बाद अब यूक्रेन ने राजधानी मॉस्को में बमबारी की. व्लादिमीर पुतिन ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि यूक्रेन उनके देश में इतना अंदर तक घुसकर ड्रोन अटैक भी कर सकता है. रूसी सेना ने बुधवार को माना कि यूक्रेन ने 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से पहली बार मॉस्को पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया. हालांकि साथ ही यह भी दावा किया गया कि उनके सभी ड्रोन को नष्ट कर दिया गया है.
यूक्रेन की कोशिश है कि वो ज्यादा से ज्यादा रूस की जमीन पर अपना कब्जा कर ले, ताकि जब बात आपसी समझौते की हो तो वो रूस द्वारा कब्जाई गई अपनी जमीन को वापस पा सके. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसी कारण अब यूक्रेन अमेरिका सहित तमाम अन्य पश्चिमी देशों की मदद से रूस पर हमलावर हो गया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मॉस्को ने रातभर में यूक्रेन के 45 ड्रोन नष्ट कर दिए. दावा किया गया कि 11 ड्रोन मॉस्को क्षेत्र के ऊपर नष्ट किए गए जबकि 23 ड्रोन ब्रायंस्क क्षेत्र, छह बेलगोरोद, तीन कलुगा और दो कुर्स क्षेत्र में नष्ट किए गए
मॉस्को के मेयर सर्गेइ सोबियानिन ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा, ‘‘ड्रोन के जरिए मॉस्को पर हमला करने की यह अब तक की सबसे बड़ी कोशिशों में से एक थी.’’ उन्होंने कहा कि राजधानी मॉस्को के आसपास बनाई गयी मजबूत रक्षा प्रणाली के कारण सभी ड्रोन नष्ट कर दिए गए. रूस के कुछ सोशल मीडिया चैनल पर वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा ड्रोन को नष्ट करते हुए देखा जा सकता है.
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब रूस पूर्वी यूक्रेन में आगे बढ़ रहा है, जहां उसका लगभग 18 प्रतिशत क्षेत्र पर नियंत्रण है. वह अपने कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के अटैक को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से रूसी क्षेत्र पर सबसे बड़ा विदेशी हमला है. रूसी मीडिया ने मॉस्को क्षेत्र के आसमान में ड्रोन के चक्कर लगाने और फिर हवाई सुरक्षा द्वारा आग के गोले में मार गिराए जाने का फुटेज शेयर किया। रूसी विमानन नियामक संस्था ने कहा कि मॉस्को के हवाई अड्डों वनुकोवो, डोमोडेडोवो और ज़ुकोवस्की ने चार घंटे के लिए उड़ानों को सीमित कर दिया, लेकिन 0330 GMT से सामान्य परिचालन फिर से शुरू कर दिया गया था.