पीएम मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आपातकाल से लेकर शाहबानो तक के मामले का उल्लेख किया
Sansad LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को संसद में संविधान के 75 साल पूरा होने पर चल रही बहस में हिस्सा लिया. उन्होंने लोकसभा में संविधान पर चर्चा पर जवाब दिया. उन्होंने आपातकाल से लेकर शाहबानो मामले तक का उल्लेख कर संविधान पर किए गए हमलों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की रगों में संविधान है ही नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के माथे पर इमरजेंसी का पाप है जो कभी नहीं धुलेगा. उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर तीखा हमला बोला. पीएम मोदी ने इस मौके पर देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के सरकार के इरादे को भी साफ कर दिया. उन्होंने इस दौरान सरकार की ओर से विभिन्न तबकों के लिए उठाए गए कल्याणकारी योजनाओं का भी जिक्र किया. इस मौके पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी लोकसभा में मौजूद थीं.
बहस में प्रियंका गांधी का पहला भाषण भी देखने को मिला, जिसमें उन्होंने सरकार पर संविधान द्वारा दिए गए ‘सुरक्षा कवच’ को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया. वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शनिवार को लोकसभा में बोलने की संभावना है. संसद का शीतकालीन सत्र नवम्बर में शुरू हुआ और 20 दिसम्बर को समाप्त होगा.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में संविधान पर चल रही चर्चा में शनिवार को हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के साथ देश में अन्याय हो रहा है. मुसलमान चुनाव नहीं जीत पा रहा है. हिजाब पहनने से मेरी बहनों को क्यों रोका जा रहा है?
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘अनुच्छेद 26 पढ़ें. यह धार्मिक संप्रदायों को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्था स्थापित करने और बनाए रखने का अधिकार देता है. प्रधानमंत्री कहते हैं कि वक्फ का संविधान से कोई लेना-देना नहीं है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा में संविधान के 75 साल पूरा होने पर जारी चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं. वह जब संसद की निचली सदन में पहुंचे तो भारत माता की जय के नारे लगे. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र की जननी हैं. इस मौके पर उन्होंने देश के विकास में महिलाओं के योगदान की चर्चा भी की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर जारी बहस में हिस्सा लेते हुए कई बातें कहीं. उन्होंने इस दौरान तीन महान विभूतियों का नाम लिया. इनमें पुरुषोत्तम राजर्षि टंडन, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम शामिल है.
लोकसभा में संविधान पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाने के उद्देश्य का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह प्रावधान देश की एकता में दीवार था. हमने इसे हटाया और देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि हम संविधान के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं, लेकिन जब हम 25 वर्ष पूरे कर रहे थे, संविधान को नष्ट कर दिया गया. इमरजेंसी में लोकतंत्र का गला घोट दिया गया था. आपातकाल की घोषणा कर दी गई, लोकतांत्रिक संस्थाओं को खत्म कर दिया गया, पूरे देश को जेल में बदल दिया गया. कांग्रेस के माथे से यह पाप नहीं धुल सकता. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी हमला किया. उन्होंने शाह बानो केस का हवाला देते हुए कहा कि एक वृद्ध महिला को राहत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राजीव गांधी की सरकार ने पलट दिया. राजीव गांधी कट्टरपंथियों के सामने झुक गए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान के 75 साल पूरा होने पर लोकसभा में चल रही बहस में हिस्सा लिया. बहस में हिस्सा लेते हुए पीएम मोदी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर बारी-बारी से हमला बोला. उन्होंने विभिन्न मामलों का हवाला देते हुए करारा हमला बोला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में जारी बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस को जमकर लताड़ लगाई. पीएम मोदी ने कहा- कांग्रेस के एक अध्यक्ष थे. अति पिछड़ा वर्ग से आते थे सीताराम केसरी. उनके साथ क्या सुलूक हुआ. कहते हैं कि बाथरूम में बंद कर दिया गया. फुटपाथ पर फेंक दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 संकल्प
- चाहे नागरिक हो या सरकार सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें.
- हर क्षेत्र हर समाज को विकास का लाभ मिले. सबका साथ और सबका विकास हो.
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता न हो.
- देश के कानून, देश के नियम और देश की परंपरओं के पालन में नगारिकों को गर्व हो.
- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिले और अपनी विरासत पर गर्व हो.
- देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले.
- संविधान का सम्मान हो और राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान हथियार न बनाया जाए.
- संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा हो उनसे न छीना जाए. धर्म के आधार पर आरक्षण न दिया जाए.
- डेवलपमेंट में देश मिसाल बने.
- राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास का मंत्र हो.
- एक भारत श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो.