महाकुंभ में भगदड़ के बाद हुए 5 बड़े बदलाव, नो एंट्री
प्रयागराज. महाकुंभ मेले में 5 बड़े बदलाव कर दिए गए हैं. पवित्र संगम तट पर हुई भगदड़ की घटना के बाद सुरक्षा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोके जाने के लिए यह चेंज किया गया है. पूरे मेला परिसर में कोई भी वाहन नहीं चलेगा और इसे नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार तमाम रास्तों को वन-वे कर दिया गया है; यानी एक रास्ते से श्रद्धालु आएंगे और दूसरे रास्ते से उन्हें बाहर भेजा जाएगा. श्रद्धालुओं ने बताया है कि भगदड़ के बाद यहां के हालात नियंत्रण में हैं और लाखों लोग संगम और गंगा तटों पर पवित्र स्नान कर रहे हैं.
जानकारी में कहा गया है कि 4 फरवरी तक मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन बनाया गया है. इसमें खास तौर पर चार पहिया वाहन नहीं आ सकेंगे. इसके बाद व्यवस्था को लेकर नए आदेश जारी किए जाएंगे.
- पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. 4 फरवरी तक सभी श्रद्धालुओं को पैदल ही चलकर गंगा तट और संगम क्षेत्र तक जाना होगा. आसपास के जिलों से आने वाली बसों को रद्द कर दिया गया है. मेला प्रशासन के आदेश के बाद इन बसों चलाया जा सकता है.
- मेला क्षेत्र को वन-वे बना दिया गया है. यानी जिस रास्ते से श्रद्धालु आएंगे; वे उस रास्ते से वापस नहीं जाएंगे. एक तरफ से श्रद्धालु आएंगे और स्नान के बाद उन्हें दूसरे रास्ते से बाहर निकलेंगे.
- मेले में ड्रोन के साथ ही हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही है. इसमें संगम के साथ पूरे मेला परिसर पर नजर रखी गई है. इसमें कैमरे से लोगों को देखा जा रहा है और लाउड स्पीकर के जरिए दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं. श्रद्धालुओं को अफवाहों से बचने को कहा गया है.
- वीवीआईपी पास और वाहन पास की एंट्री पास सब कैंसिल कर दिए गए हैं. 4 फरवरी के बाद नए आदेश हो सकते हैं. शहर के अंदर भी एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम के वाहन चल सकेंगे.
- क्राउड मैनेजमेंट के लिए अफसरों की तैनाती कर दी गई है. जहां-जहां श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा होगी, वहां से उनकी सुरक्षित निकासी कराई जा रही है. बसों और ट्रेनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को वापस भेजा जाएगा. 360 स्पेशल ट्रेनों को तमाम स्टेशनों से चलाया जा रहा है.