अयोध्या रामपथ…PWD के बाद जल निगम के 3 इंजीनियर सस्पेंड, पहली बारिश में हुए बड़े-बड़े गड्ढे
अयोध्या में पहली बारिश में रामपथ धंसने पर योगी सरकार ने 8 घंटे में जल निगम के भी 3 इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया। इनमें एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आनंद कुमार दुबे, असिस्टेंट इंजीनियर राजेंद्र कुमार यादव और जूनियर इंजीनियर मो. शाहिद हैं। शुक्रवार देर शाम सरकार ने PWD के 3 इंजीनियर को भी सस्पेंड किया था। अब तब 6 अफसरों पर एक्शन हो चुका है।
अयोध्या में 4 दिन पहले तेज बारिश हुई थी। जिससे 13 किलोमीटर के रामपथ पर 13 जगह सड़क धंस गई। 8 फीट तक गहरे गड्ढे हो गए। कई घंटों तक ट्रैफिक जाम लगा रहा। बारिश रुकने के बाद लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने आनन-फानन में गिट्टियों से गड्ढों को भरकर लीपा-पोती कर दी थी। मामला सामने आया तो देशभर में 844 करोड़ की लागत से तैयार रामपथ के धंसने की चर्चा होने लगी।
यूपी सरकार ने शुक्रवार देर शाम PWD के 3 अफसरों को सस्पेंड किया। इसके बाद देर रात जल निगम के 3 अधिकारियों को भी सस्पेंड कर दिया। शनिवार को यूपी सरकार ने अयोध्या में काम कर रही अहमदाबाद की ठेकेदार फर्म भुवन इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया है।
जल निगम के 3 अफसर सस्पेंड
आनंद कुमार दुबे (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर): इनका काम सीवर और ड्रेनेज की निगरानी करना। नई पाइप लाइन का निरीक्षण करना।
राजेंद्र कुमार यादव (असिस्टेंट इंजीनियर): ग्राउंड लेबल पर काम को देखना। काम करने वाली कंपनी को दिशा-निर्देश देना।
मोहम्मद शाहिद (जूनियर इंजीनियर): रोजाना काम का निरीक्षण करना। टेक्निकल पाइंट को ध्यान में रखते हुए बारीकी से जांच करना।
PWD के 3 अफसर सस्पेंड
ध्रुव अग्रवाल (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर): प्रोजेक्ट हेड बनाया गया। काम पर नजर रखना और विभागीय टीम को आवश्यक दिशा-निर्देश देना था। बजट रिलीज करने की जिम्मेदारी भी थी।
अनुज देशवाल (असिस्टेंट इंजीनियर): टेक्निकल निरीक्षण कर दिशा-निर्देश देना था। सड़क निर्माण में इस्तेमाल मटेरियल की जांच करना।
प्रभात पांडेय (जूनियर इंजीनियर): काम का रोजाना निरीक्षण कर उन्हें जरूरी निर्देश देना था। साथ ही काम पूरा होने पर संस्तुति रिपोर्ट लगाना।
तीसरे फेज में जल्दबाजी में हुआ काम
सरकार ने रामपथ बनाने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग (PWD) को दिया। इसका ठेका R&C इन्फ्राइंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया। 844 करोड़ की बजट वाली इस सड़क का काम 24 जनवरी, 2023 को शुरू हुआ।
इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (EPC) के मानकों के अनुसार, इस पर 15 महीने का टाइम मिलना चाहिए था, जो कि काम करने वाली कंपनी को पहले दिया गया था। रामपथ निर्माण को 3 फेज में बांटा गया था।
पहले फेज में अयोध्या धाम (नया घाट से राम मंदिर तक) 4.5 किमी, दूसरे में अयोध्या धाम से सर्किट हाउस तक (3 किमी) और आखिरी में सर्किट हाउस से सहादतगंज बाईपास (5.4 किमी) का काम होना था।
दो फेज का काम तो निर्धारित टाइम लाइन के हिसाब से पूरा हुआ, लेकिन 11 नवंबर, 2023 को अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम होना था। इसे देखते हुए सड़क निर्माण को तय समय सीमा से पहले पूरा करने का आदेश आ गया।
इसलिए सर्किट हाउस से सहादतगंज का काम जल्दबाजी में पूरा करना पड़ा। R&C इन्फ्राइंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 30 दिसंबर, 2023 यानी निर्धारित टाइमलाइन से 120 दिन पहले सड़क का काम पूरा कर लोक निर्माण विभाग को हैंडओवर कर दिया।
रामपथ के नीचे सीवर लाइन डालने का काम जल निगम के पास था। जल निगम ने इसकी जिम्मेदारी अहमदाबाद की भुगन इंफ्रा कंपनी को सौंपी, जोकि 2021 से अयोध्या में 145 किमी लंबी सीवर लाइन डालने का काम कर रही है। लेकिन रामपथ में सीवर के मेनहोल बनाते समय उसकी प्रॉपर फिलिंग में कुछ कमियां रह गईं।
PWD के अफसरों के मुताबिक, सड़क पर सीवर लाइन के मेन होल के पास ही गड्ढे हुए हैं। ऐसे में इसकी जानकारी के लिए हमने जल निगम के अधिशासी अधिकारी आनंद दुबे से बात की। उन्होंने कहा- निर्माण का काम अहमदाबाद की कंपनी भुगन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने किया था। हमारी टीम ने तकनीकी रूप से इसका निरीक्षण किया था।
सीवर डालने वाली कंपनी के एमडी मनीष पटेल ने कहा- सीवर लाइन में एमएस पाइप का इस्तेमाल हुआ है। सभी ज्वाइंट्स को वेल्ड किया गया है, ऐसे में वहां से कोई फाल्ट नहीं हो सकता। अभी हमारी सीवर लाइन शुरू ही नहीं हुई है, क्योंकि नमामि गंगे द्वारा बनवाया जा रहा ट्रीटमेंट प्लांट अभी नहीं बन पाया है। 95% काम पूरा हो चुका है।