बदलता मौसम बना बच्चों के लिए आफत, बचने के लिए करें ये उपाय
मौसम के उतार चढ़ाव और शादी-विवाह के सीजन में खानपान में लापरवाही के कारण बच्चों में निमोनिया और कोल्ड डायरिया के मामले बढ़ने लगे हैं. जिला अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ के ओपीडी में इन दिनों ज्यादातर बच्चे इसी तरह की बीमारियों से पीड़ित पहुंच रहे हैं. जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सरफराज खान news से बातचीत में बताते हैं कि रोजाना 100 से 125 ओपीडी देखें जा रहे है, जिसमें 15 से 20 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है.
इस समय मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है, जिससे सुबह और शाम के समय ठंडक और दिन में गर्मी से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. इसके कारण बच्चे जल्दी ही बुखार, सर्दी-खांसी, सांस की तकलीफ, उल्टी-दस्त जैसी समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा निमोनिया और कोल्ड डायरिया के लक्षणों वाले बच्चे अस्पताल में आ रहे हैं.
बच्चों में बढ़ते निमोनिया के लक्षण
बाल रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि इस समय अधिकांश सर्दी-खांसी, निमोनिया और डायरिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल आ रहे हैं. इन बच्चों में निमोनिया के लक्षण जैसे खांसी, बुखार, दूध कम पीना, भोजन में कमी, थकान और नींद न आना प्रमुख रूप से देखे जा रहे हैं. वहीं डायरिया के मामलों में शुरुआत में उल्टी होती है, जो बाद में दस्त में बदल जाती है. जिला अस्पताल में प्रतिदिन 15 से 20 बच्चों में निमोनिया के लक्षण मिल रहे हैं, जिनमें से 8 से 10 बच्चों को भर्ती भी किया जा रहा है.
मौसम के उतार चढ़ाव और शादी-विवाह के सीजन में खानपान में लापरवाही के कारण बच्चों में निमोनिया और कोल्ड डायरिया के मामले बढ़ने लगे हैं. जिला अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ के ओपीडी में इन दिनों ज्यादातर बच्चे इसी तरह की बीमारियों से पीड़ित पहुंच रहे हैं. जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सरफराज खान लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि रोजाना 100 से 125 ओपीडी देखें जा रहे है, जिसमें 15 से 20 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है.
इस समय मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है, जिससे सुबह और शाम के समय ठंडक और दिन में गर्मी से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. इसके कारण बच्चे जल्दी ही बुखार, सर्दी-खांसी, सांस की तकलीफ, उल्टी-दस्त जैसी समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा निमोनिया और कोल्ड डायरिया के लक्षणों वाले बच्चे अस्पताल में आ रहे हैं.
बच्चों में बढ़ते निमोनिया के लक्षण
बाल रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि इस समय अधिकांश सर्दी-खांसी, निमोनिया और डायरिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल आ रहे हैं. इन बच्चों में निमोनिया के लक्षण जैसे खांसी, बुखार, दूध कम पीना, भोजन में कमी, थकान और नींद न आना प्रमुख रूप से देखे जा रहे हैं. वहीं डायरिया के मामलों में शुरुआत में उल्टी होती है, जो बाद में दस्त में बदल जाती है. जिला अस्पताल में प्रतिदिन 15 से 20 बच्चों में निमोनिया के लक्षण मिल रहे हैं, जिनमें से 8 से 10 बच्चों को भर्ती भी किया जा रहा है.