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कैलाश मानसरोवर यात्रा का एलान, जाने के लिए ऑनलाइन ही होगा आवेदन

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Kailash Manasarovar Yatra 2025: भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए खुशी की खबर है. 5 साल के लंबे इंतजार के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने वाली है. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए ऑनलाइन प्रकिया शुरू हो गई है. जो श्रद्धालु मानसरोवर यात्रा पर जाना चाहते हैं, वह ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. विदेश मंत्रालय (MEA) ने शनिवार को घोषणा की कि कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल फिर से शुरू होगी.  विदेश मंत्रालय ने बताया है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त 2025 के बीच कराई जाएगी.

इस साल, 5 ग्रुप (हर ग्रुप में 50 यात्री) उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से और 10 ग्रुप (हर ग्रुप में 50 यात्री) सिक्किम के नाथू ला दर्रे से यात्रा करेंगे.

आवेदन के लिए वेबसाइट kmy.gov.in खोल दी गई है. यात्रियों का चुनाव कंप्यूटर से, बिना किसी पक्षपात के किया जाएगा. साल 2015 से ही यात्रा का पूरा प्रोसेस, ऑनलाइन आवेदन से लेकर यात्रियों के चुनाव तक, पूरी तरह कंप्यूटर से होता है. इसलिए किसी को चिट्ठी या फैक्स भेजने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को कोई जानकारी चाहिए या कोई सुझाव देना हो, तो वेबसाइट पर फीडबैक का ऑप्शन दिया गया है.

जल्दी आवेदन करें, मेडिकल जांच भी जरूरी होगी
मंत्रालय ने इच्छुक यात्रियों को सलाह दी है कि वे वेबसाइट पर जाकर जल्दी से जल्दी आवेदन कर दें. कैलाश मानसरोवर यात्रा का इलाका काफी कठिन और मौसम भी चुनौतीपूर्ण होता है, इसलिए चुने गए यात्रियों को यात्रा से पहले अनिवार्य ब्रीफिंग और मेडिकल फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. लेटेस्ट अपडेट्स और निर्देशों के लिए यात्रियों को नियमित रूप से kmy.gov.in वेबसाइट पर विजिट करने की सलाह दी गई है.

मानसरोवर का अर्थ और इसका इतिहास
मानसरोवर को बहुत ही पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि यह झील ब्रह्म मुहूर्त में देवताओं के स्नान का स्थान है. कहा जाता है कि इस झील की रचना सबसे पहले भगवान ब्रह्मा ने अपने मन में की थी इसलिए इसका नाम पड़ा “मानसरोवर”- “मानस” यानी मन और “सरोवर” यानी झील.

मान्यता है कि भगवान कैलाश-मानसरोवर क्षेत्र में निवास और तपस्या करते हैं. इस जगह की विशेषता ही इसे बाकी जगहों से अलग बनाती है. शांत पानी और मजबूत पहाड़ों की तरह यह झील देवताओं के मन की तरह शांति और स्थिरता का प्रतीक है. कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने धार्मिक मूल्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है. भगवान शिव के निवास के रूप में हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण तो है ही, यह जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है.

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