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Manipur News : मणिपुर यूं ही नहीं जल रहा, खुफिया रिपोर्ट से जानिए साजिश?

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 दिल्ली: मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल उठा है. मणिपुर में फिर से स्थिति तनावपूर्ण है. हत्या और आगजनी की घटनाओं से मणिपुर उबल रहा है. इस बीच न्यूज18 इंडिया को खुफिया रिपोर्ट हाथ लगी है. इस खुफिया रिपोर्ट की एक्सक्लूसिव कॉपी में इस बात का जिक्र है कि कैसे मणिपुर में हिंसा फैलाने की साजिश का ताना बाना बुना जा रहा है. मणिपुर में बकायदा हिंसा फैलाने के लिए महिला ब्रिगेड तैयार हुई. साथ ही गैर मणिपुर के वर्कर्स से हफ्ते की वसूली हो रही है.

न्यूज़ 18 इंडिया के पास मौजूद दस्तावेज के मुताबिक, मणिपुर में सशस्त्र हिंसक संगठनों ने एक सोची-समझी साजिश के तहत राज्य में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. इन संगठनों में केसीपी (KCP) यानी कांग्लीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, केएनएफ (KNF) यानी कुकी नेशनल फ्रंट और यूनाइटेड पीपल पार्टी ऑफ कांग्लीपाक जैसे सक्रिय संगठन शामिल हैं. केसीपी संगठन ने कादतन और चिंखांग इलाके जो कि सेनापति इलाके में हैं, वहां निगरानी के लिए अपना खुद का ड्रोन सर्विलांस सिस्टम इंस्टॉल किया है.

नेपाली-बिहारी मेन टारगेट
इसका मकसद है सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखना. खुफिया ऐजेंसियों को ये भी जानकारी मिली है कि केएनपी संगठन मणिपुर के व्यापारियों से पर्सनल वेल्थ टैक्स वसूलने के लिए अपने कैडरों को तैयार कर रहे थे. इनके निशाने पर नेपाली और बिहारी समुदाय के लोग हैं, जो कि मणिपुर में रह रहे हैं. हर बिजनेसमैन से एक से डेढ़ लाख रुपए तक वसूलने का टारगेट रखा गया था.

महिला ब्रिगेड से हिंसा की आग
खुफिया रिपोर्ट की मानें तो इन सशस्त्र संगठनों ने अपने कैडरों को मणिपुर के उखरुल जिले में बाकायदा एके 47 राइफल चलाने की ट्रेनिंग दी है. सशस्त्र संगठन यूएनएलपी ने 45 दिन का अपना ट्रेनिंग कोर्स तैयार कर रखा था, जो वह अपने कैडरों को देता था ताकि वह ट्रेन्ड होकर राज्य में हिंसक गतिविधियों में शामिल हो सकें. दस्तावेज के मुताबिक, मणिपुर में हिंसा फैलाने के लिए महिला ब्रिगेड तैयार हुई है. 50-50 के बैच में महिला कमांडो तैयार किया गया और आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई.

दस्तावेज की मानें तो मैतैयी समुदाय की लड़कियों को मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती है. एक बैच में 50 लड़कियां होती हैं, जो ट्रेनिंग लेकर इस सैन्य संगठन की तरफ से राज्य में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देती हैं. खास बात यह है कि यह ट्रेनिंग कैंप सरकार की ओर से चलाए जा रहे रिलीफ कैंप में संचालित किया जा रहे हैं. इन लड़कियों की उम्र 15 से 20 साल की होती है. इतना ही नहीं, राज्य में जो गैर मणिपुर के कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं, उनसे ₹1000 हर हफ्ते वसूले जा रहे हैं.

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