मेरठ : अस्पताल ने बुलंदशहर की महिला की निकाली किडनी, 6 पर FIR
बुलंदशहर, मेरठ के केएमसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने ऑपरेशन के दौरान बुलंदशहर की रहने वाली महिला की एक किडनी निकाल ली। पांच साल बाद जब जांच कराई तो मामले का पता चला। मामले में बुलंदशहर की नरसैना थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर केएमसी हॉस्पिटल के 6 डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की। पीड़िता का यह भी आरोप है कि जब उन्होंने शिकायत की, तो आरोपियों ने मारपीट कर उनसे दस्तावेज छीन लिए। पुलिस जांच कर रही है।
बुगरासी निवासी कविता 2017 में बीमार पड़ने पर मेरठ के केएमसी अस्पताल में इलाज के लिए गई थी। डॉ. सुनील गुप्ता ने परीक्षण के बाद ऑपरेशन की सलाह दी। 20 मई 2017 को ऑपरेशन किया गया और 24 मई को उन्हें छुट्टी दे दी गई। अस्पताल ने आश्वासन दिया कि उनके गुर्दे ठीक कर दिए गए हैं और वह स्वस्थ हो जाएंगी।
5 साल बाद, 28 अक्टूबर 2022 को जब कविता ने दूसरे डॉक्टर से जांच कराई, तो पता चला कि उनकी बाईं किडनी पहले ही ऑपरेशन के दौरान निकाल ली गई थी। इस मामले में पीड़िता ने डॉ. सुनील गुप्ता और अन्य डॉक्टरों पर अवैध अंग तस्करी का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट में दिख रही किडनी, बॉडी में से थी गायब
कविता ने बताया, डॉ. सुनील गुप्ता ने साथी डॉक्टर्स और अस्पताल कर्मचारी से साठगांठ करके लगातार फर्जी डाक्टरी रिपोर्ट देते रहे, जिसकी रिपोर्टों में कविता के दोनों गुर्दे को दर्शाया जाता रहा, जब कि अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि कविता की बाईं किडनी गायब है। उसे ऑपरेशन करके निकाल लिया गया है। उसे किसी को बेच दिया गया है।
यही नहीं एक अन्य प्राइवेट डॉक्टर के यहां अल्ट्रासाउंड कराया तो उसमें भी बाईं किडनी गायब पाई गई। आरोप है कि किडनी निकालने के बावजूद डॉ.सुनील गुप्ता दवा देते रहे। दवा से तबीयत ठीक होने के बजाय उल्टे बिगड़ती चली गई।
इसके बाद कविता ने कोर्ट का सहारा लिया। उनकी याचिका पर ACJM-तृतीय बुलंदशहर के आदेश पर नरसैना थाने में डॉक्टर्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक चंदगीराम ने बताया कि सर्जन डॉ. सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ .प्रतिभा गुप्ता, डॉ.अजय एन वत्स (एमडी) रेडियोलोजी, निकिता जग्गी (एमडी), डॉ. सतीश कुमार अरोरा, एमबीबीएस (एमडी), हॉस्पिटल के कर्मचारी और डॉ.सीमा वाष्णेय, एमडी वाष्णेय क्लीनिक पैथोलोजी, मेरठ के खिलाफ मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 18, आईपीसी की धारा 120 बी,326, 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई है।
पीड़िता का आरोप है कि 25 मई 2022 को वह केएमसी अस्पताल पहुंची। किडनी निकाले जाने की शिकायत की तो डॉ.सुनील गुप्ता ने साथी डॉ. अजय एन वत्स, डॉ. सतीश अरोरा, डॉ.सीमा वार्ष्णेय, डॉ. प्रतिमा गुप्ता, डॉ. निकिता जग्गी तथा अन्य अस्पताल कर्मचारीगण के साथ मिलकर मारपीट की।
दस्तावेज छीन लिए, वहां से भगा दिय। जब न्यायालय का नोटिस डॉ.सुनील गुप्ता को भिजवाया तो, 8 जुलाई 2023 को डॉ. सुनील गुप्ता ने अपने कुछ बदमाशों को पीड़ित शिकायतकर्ता के घर पर भेजा। उन्होंने धमकी दी कि या तो डॉ.सुनील गुप्ता के खिलाफ मुकदमा वापस ले ले नहीं तो जान से मार देंगे।