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पीएम मोदी ने दिया कृष्ण- सुदामा की कथा का हवाला

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दिल्ली. समय ऐसा बदल गया है कि आज के समय में अगर सुदामा ने कृष्ण को कुछ चावल दिए होते, तो उसका वीडियो सामने आते कि सुदामा ने कृष्ण को कुछ दिया है, एक जनहित याचिका दायर की जाती. जिस पर फैसला आता कि भगवान कृष्ण इस भ्रष्टाचार के मामले में में शामिल थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल में यह टिप्पणी की और इसे चुनावी बांड पर हालिया फैसले से जुड़ा माना जा रहा है. पीएम मोदी पूर्व कांग्रेस सदस्य आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा स्थापित धार्मिक संस्थान श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे.

गौरतलब है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम को हाल ही में कांग्रेस ने कथित ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के लिए बाहर कर दिया था. इसके तुरंत बाद उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े होने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा प्रधानमंत्री के समक्ष बोलते समय मंच से की गई एक टिप्पणी के संदर्भ में आई. पीएम मोदी ने कहा कि प्रमोद जी अच्छा हुआ आपने कुछ नहीं दिया. वरना समय तो ऐसा बदल गया है कि आज के जमाने में अगर सुदामा ने कृष्ण को पोटली में चावल दिए होते तो वीडियो सामने आ जाते, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल हो जाती और फैसला आ जाता.

पौराणिक कथा का हवाला
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह कहा जाता कि ‘भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार के लाभार्थी थे और भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार में लिप्त थे.’ प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता के बारे में पौराणिक कथा का हवाला दे रही थी. पौराणिक कथा के मुताबिक जब भगवान कृष्ण के मित्र सुदामा ने राजा कृष्ण से मदद लेने के लिए जाने का फैसला किया तो अपनी पत्नी से पूछा कि वह उनको उपहार में क्या दे सकते हैं? किंवदंती है कि सुदामा की पत्नी उसे केवल चार मुट्ठी पके हुए चावल दे सकी थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह टिप्पणी 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के उनकी सरकार की चुनावी बांड योजना को रद्द करने के बाद आई है. चुनावी बांड योजना को मोदी सरकार ने 2017-18 में चुनाव से तथाकथित काले धन के इस्तेमाल को खत्म करने के घोषित उद्देश्य के साथ पेश किया था. इसका मकसद राजनीतिक फंडिंग के लिए वैध धन के उपयोग की फंडिंग करना और उसे बढ़ावा देना था.

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