News

40 शहीदों की याद में प्रभातफेरी सुबह हरचोवाल से अमृत में हुई शुरू

Share News
2 / 100

हरचोवाल/गुरदासपुर (गगनदीप सिंह रियाड़) 40वें मुक्ते की याद में गुरुद्वारा अलीशेर हरचोवाल से प्रभात फेरियां निकाली जा रही हैं। ये प्रभात यात्राएं गुरुद्वारा साहिब में प्रार्थना करने और विभिन्न गुरुद्वारों में शबद कीर्तन करने के बाद सुबह चार बजे पहुंचती हैं। आज सुबह जब गुरुद्वारा पट्टी जय चंद समय पर जाएँ


यह बात गुरुद्वारा प्रबंधक भाई गगनदीप सिंह रियाड़ ने संगत को 40 शहीदों के इतिहास के बारे में बताते हुए कही. श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा मानवता और राष्ट्र की खातिर लड़े गए निर्णायक युद्धों में श्री मुक्तसर साहिब का इतिहास भी सिख पन्नों पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है। श्री मुक्तसर साहिब सिख इतिहास की सबसे अनमोल कहानी अपने दामन में लेकर बैठा है। अपने जीवन की अंतिम लड़ाई दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खिदराणा की ढाब में लड़ी थी, जो अपने आप में एक अविश्वसनीय उदाहरण है। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खिदराना के ढाब में युद्ध के दौरान उन चालीस सिंहों की गर्दन तोड़ दी, जो श्री आनंदपुर साहिब की भूमि से गुरु साहिब को एक याचिका लिखने के लिए आए थे। युद्ध के दौरान भाई महा सिंह और माता भाग कौर के नेतृत्व में लड़ते हुए ये 40 सिंह शहीद हो गए। मुक्ति या मुक्ता की उपाधि पाने वाले इन शहीद सिंहों के मुखिया होने के कारण इस स्थान का नाम मुक्तसर लोकप्रिय हो गया। इसलिए हर वर्ष चालीस शहीदों की याद में कस्बा हरचोवाल वारी के अनुसार प्रत्येक गुरुद्वारा साहिब में दस दिनों तक प्रभात यात्राएं की जाती हैं और 14 जनवरी को नगर कीर्तन सजाया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब के मुख्य प्रशासक डॉ. रणजीत सिंह राण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *