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प्रयागराज : संगम में 2 करोड़ श्रद्वालुओं की डुबकी, अयोध्या में 3 लाख लोगों ने किया स्नान

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प्रयागराज, मौनी अमावस्या है। प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा हुआ है। प्रयागराज संगम में शाम 6 बजे तक 2 करोड़ 18 लाख लाख श्रद्धालुओं ने संगम के तट पर डुबकी लगाई। प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की। काशी के सभी घाट हाउस फुल हैं। यहां सुबह से ही लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। रामनगरी अयोध्या में भी कुछ ऐसा ही है। सरयू घाट पर सुबह से श्रद्धालुओं का सैलाब है। यहां देर शाम तक 3 लाख से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं। हनुमानगढ़ी के बाहर भक्तों की इतनी भीड़ है कि पुलिस के लिए कंट्रोल करना मुश्किल है। 2 किमी. से ज्यादा लंबी लाइनें लगी हैं।

प्रशासन का अनुमान है कि प्रयागराज में 2.5 करोड़ लोग पहुंच सकते हैं। यहां देर रात से ही श्रद्धालु का रेला संगम नोज की तरफ बढ़ता दिखने लगा। स्नान के लिए गंगा और यमुना पर कुल 12 घाट बनाए हैं। मेला क्षेत्र में बने सभी शिविर हाउसफुल हो चुके हैं।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं। घाटों की लंबाई 6800 रनिंग फीट से 8000 कर दी गई। प्रयागराज पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि ड्रोन से निगरानी की जा रही है। मेला क्षेत्र में भीड़ को देखते हुए वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध हैं।

अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज (वृंदावन) ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 7.32 बजे से दूसरे दिन शनिवार को भोर में सवा चार बजे स्नान का शुभ मुहूर्त है। उन्होंने कहा “मौनी अमावस्या पर स्नानार्थियों को मौन होकर स्नान करना चाहिए, तभी मौनी अमावस्या का अक्षय फल मिलता है। स्नान के बाद अन्न-वस्त्र सहित अन्य सामग्रियों का दान करना चाहिए।”

शुक्रवार की भोर से ही वाराणसी के गंगा घाटों पर अद्भुत नजारा दिखाई दिया। घाटों पर तिल रखने तक की जगह नहीं मिल रही थी। श्रद्धालुओं की एक टोली स्नान करती तो दूसरी टोली स्नान की तैयारी करती दिखी। दर्शनार्थियों के आने-जाने की यह सिलसिला जारी रहा। दो दिन पहले हुई बारिश की वजह से ठंड बढ़ गई है। लेकिन श्रद्धालुओं पर इसका असर नहीं पड़ रहा। सुबह 8 बजे तक काशी में 2.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई।

मौनी अमावस्या के अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा संकट मोचन मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर, नया विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर में भी लोग श्रद्धा से पूजा करने पहुंच रहे हैं। इसलिए इन मंदिरों पर भी सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस बल की तैनाती के साथ ही लोगों से बेहतर सहयोग की अपील की गई है।

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