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यूपी में होमगार्ड्स के 44000 पदों पर होगी भर्ती, 13 साल बाद निकलेगी वैकेंसी

होमगार्ड विभाग में करीब 44 हजार पद खाली हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए विभाग अब संजीदा हो गया है। इसके लिए होमगार्ड विभाग अपना भर्ती बोर्ड बनाने जा रहा है, जो सेंट्रलाइज होगा। भर्ती बोर्ड का मुख्यालय लखनऊ में होगा और भर्ती के लिए नए सिरे से नियमावली बनेगी।

विभाग ने इसके मसौदे पर काम भी शुरू कर दिया है। फरवरी में पेश होने वाले बजट सत्र से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के तर्ज पर होमगार्ड भर्ती बोर्ड बनाया जाएगा। साथ ही भर्ती के लिए भी नए सिरे से नियमावली बनाई जाएगी।

मार्च तक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का अनुमान जानकारों का कहना है, भर्ती प्रक्रिया अगले साल मार्च महीने में शुरू की जाएगी। वैकेंसी ज्यादा हैं, इसलिए इसे दो चरणों में पूरा करने की योजना है। एक चरण की प्रक्रिया पूरी होने में 6 से 8 महीने का समय लगेगा। होमगार्ड के मूल्यांकन के लिए पहले के नियमों में संशोधन किया जा रहा है। दौड़ की समय-सीमा का निर्धारण भी फिर से कराए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिपाही के बराबर मिलता है वेतन सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में एक आदेश पारित कर कहा था कि होमगार्ड को पुलिस विभाग में सिपाही के न्यूनतम वेतन के हिसाब से दैनिक भत्ता दिया जाए। इसके बाद होमगार्ड काे 918 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दैनिक मजदूरी भत्ता दिया जाने लगा। यानी एक होमगार्ड अगर पूरे महीने ड्यूटी करता है तो उसे 27 हजार 540 रुपए मिलता है। पहले 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दैनिक मजदूरी भत्ता दिया जाता था।

हाईस्कूल पास हैं, तो बन सकते हैं होमगार्ड यूपी में होमगार्ड बनने के लिए अभी तक की जो नियमावली है, उसमें हाईस्कूल पास की योग्यता मांगी जाती है। अगर कोई उससे ज्यादा शिक्षित अभ्यर्थी होमगार्ड के लिए आवेदन करता है तो उसे दो से पांच तक अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं।

होमगार्ड बनने के लिए न्यूनतम आयु (2015 की नियमावली के अनुसार) 18 साल और अधिकतम 45 साल निर्धारित की गई है। अभी तक होमगार्ड बनने के लिए किसी तरह की लिखित परीक्षा का प्रावधान नहीं है। शैक्षिक योग्यता के आधार पर अंक निर्धारित किए जाते हैं। नई नियमावली में इसमें बदलाव किए जाने की पूरी संभावना है।

जनपदवार होती है भर्ती होमगार्ड की भर्ती अभी तक के नियम के अनुसार जनपदवार की जाती है। जनपद स्तर पर ही आवेदन लिए जाते हैं। जनपद स्तर पर ही भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। लेकिन, नई नियमावली में इसमें संशोधन करते हुए इसे सेंट्रलाइज किया जाएगा।

2011 में हुई थी आखिरी बार भर्ती उत्तर प्रदेश में आखिरी बार होमगार्ड की भर्ती साल 2011 में मायावती के शासनकाल में हुई थी। यह भर्ती जिला स्तर पर हुई थी। इसके बाद से होमगार्ड विभाग में एक भी बड़ी भर्ती नहीं हुई।

भाजपा सरकार में 2018 में भर्ती प्रक्रिया शुरू जरूर हुई, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इसे निरस्त कर दिया गया था। यह भर्ती प्रयागराज में की गई थी। इस मामले में तत्कालीन जिला कमांडेंट को सस्पेंड भी कर दिया गया था। उसके बाद से होमगार्ड की कोई भर्ती नहीं हुई।

पुलिस भर्ती बोर्ड के जरिए भर्ती कराने का भी रखा जा चुका है प्रस्ताव होमगार्ड की भर्ती पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से भी कराए जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखा जा चुका है। लेकिन, इस पर सहमति नहीं बन सकी थी। अब होमगार्ड विभाग का अपना भर्ती बोर्ड बनाकर और उसमें पुलिस विभाग से डेपुटेशन पर अधिकारियों को लेकर इसकी भर्ती कराए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें होमगार्ड विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा और सलाहकार के तौर पर रिटायर्ड अधिकारियों को भी लिया जा सकता है।

विभाग के पास होमगार्ड की डिमांड होमगार्ड विभाग के डीजी बिजय कुमार मौर्य का कहना है कि यूपी में करीब 75 हजार होमगार्ड हैं। इनको रेगुलर ड्यूटी मिल रही है। पुलिस मुख्यालय स्तर से होमगार्ड की जितनी मांग है, उपलब्धता के आधार पर ही होमगार्ड दिए जा रहे हैं। भर्ती होने के बाद अतिरिक्त मांग भी पूरी की जा सकेगीशुक्रवार (आज) को होमगार्ड विभाग का स्थापना दिवस है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी होमगार्ड विभाग के लिए कुछ बड़ी घोषणा कर सकते हैं। माना जा रहा है भर्ती और उससे जुड़ी नियमावली को लेकर मुख्यमंत्री ऐलान करेंगे। मुख्यमंत्री सुबह 9 बजे होमगार्ड मुख्यालय पहुंचेंगे और होमगार्ड स्थापना दिवस में शिरकत करेंगे।

Umh News india

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