रामलला की असली मूर्ति ने नहीं किया मंदिर भ्रमण!, तो कौन सी मूर्ति ने ये जिम्मेदारी निभाई?
अयोध्या : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दूसरे दिन रामलला की चांदी की मूर्ति को भ्रमण कराया गया है. बुधवार को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का दूसरा दिन रहा. बुधवार को महिलाओं ने ‘जल कलश यात्रा’ निकाली. इसमें लगभग 500 से अधिक महिलाएं शामिल रहीं. चांदी की प्रतिमा को मुख्य यजमान बने अनिल मिश्र ने रामलला को पालकी पर पूरे परिसर में घुमाया. इस दौरान काशी से आए विद्वत मंडली ने मंत्रोचार किया. रजत प्रतिमा पर पुष्पवर्षा भी की गई. इस दौरान परिसर को खूब सजाया गया.
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कार्यक्रम के दूसरे दिन की पूजा संपन्न
अनुष्ठान करा रहे शास्त्री अरुण दीक्षित ने बताया कि कलशयात्रा मुख्य कार्यक्रम था. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कार्यक्रम के दूसरे दिन की पूजा संपन्न हुई. कलश की पूजा हुई. मां सरयू की पूजा हुई. 22 जनवरी को भगवान अपने मंदिर में विराजमान होंगे उस घड़ी का सबको इंतजार है.
रामलला की अनुकृति का राम मंदिर परिसर में प्रवेश
इस दौरान मौजूद एक सदस्य ने बताया कि रामलला की अनुकृति का राम मंदिर परिसर में प्रवेश कराया गया. यह अनुकृति दस किलो की है. असली रामलला की मूर्ति का वजन ज्यादा होने के कारण इस छोटी मूर्ति का नगर भ्रमण और मंदिर प्रवेश कराया गया है. देर शाम रामलला की असली मूर्ति भी राममंदिर पहुंच गई. गुरुवार को रामलला गर्भगृह में पहुंच जाएंगे. इससे पहले यज्ञ मंडप के 16 स्तंभों और चारों द्वारों का पूजन भी हुआ.
महिलाओं ने सरयू तट से यात्रा का शुभारंभ किया
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित ने बताया कि 16 स्तंभ 16 देवताओं के प्रतीक हैं. इनमें गणेश, विश्वकर्मा, बह्मा, वरुण, अष्टवसु, सोम, वायु देवता को सफेद वस्त्र जबकि सूर्य, विष्णु को लाल वस्त्र, यमराज-नागराज, शिव, अनंत देवता को काले और कुबेर, इंद्र, बृहस्पति को पीले वस्त्र में निरूपित किया जाएगा. इससे पहले श्रीराम नगरी में अयोध्या महानगर की महिलाओं ने सरयू तट से यात्रा का शुभारंभ किया.