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 इस शहर में बनी मस्जिद में लगा है 5 क्विंटल सोना, जानें

अलीगढ़:- भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ शहर ताले और शिक्षा के लिए विश्व प्रसिद्ध है. इसी ताले के शहर में कई ऐतिहासिक धरोहर भी मौजूद हैं, जिनमें से एक अलीगढ़ की ऊपरकोट जामा मस्जिद भी शामिल है. इसकी खासियत ये है, कि इसमें 100-200 नहीं बल्कि एक साथ 5 हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं. इतना ही नहीं मस्जिद के 17 गुंबद ठोस सोने से बने हैं. बताया जाता है इसमें 5 क्विंटल से ज्यादा सोना लगा है. ये अनोखी जामा मस्जिद उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बनी है. इस जामा मस्जिद और आगरा के ताजमहल में कई समानताएं हैं. यह अवधी व मुगलकालीन वास्तुकला का संगम है.

मस्जिद कमेटी के सदस्य ने दी जानकारी
इसके बारे में जानकारी देते हुए अलीगढ़ जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य गुलरे अहमद ने बताया, कि कहा जाता है ताजमहल बनाने वाले मुख्य इंजीनियर ईरान के अबू ईसा अंफादी के पोते ने जामा मस्जिद का निर्माण किया था. जामा मस्जिद के 17 गुंबदों को ठोस सोने से बनाया गया है. जबकि ताजमहल में केवल सोने की परत चढ़ाई गई है. उन्होंने आगे बताया, कि इस मस्जिद में लगभग 5 से 6 क्विंटल सोना लगा है. साथ ही इस मस्जिद में लगभग 5,000 लोग एक साथ बैठकर नमाज अदा कर सकते हैं और यहां महिलाओं के लिए अलग से नमाज अदा करने की जगह बनी हुई है. साथ ही यह मस्जिद शहर की सबसे ऊंची जगह पर बनी हुई है.

1728 में बनकर तैयार हुई थी ये मस्जिद
उन्होंने आगे बताया, करीब 300 साल पहले जामा मस्जिद का निर्माण कोल के गवर्नर साबित खान जंगे बहादुर के शासनकाल में सन 1724 में कराया गया था. इसके निर्माण में 4 साल लगे थे. तब जाकर यह साल 1728 में बनकर तैयार हुई थी. मस्जिद के गेट और चारों कोनों पर भी छोटी-छोटी मीनारें हैं जो इसकी खूबसूरती को बढ़ाती हैं.

गुलजार अहमद बताते हैं, अलीगढ़ जामा मस्जिद और ताजमहल की कारीगरी में बहुत समानताएं देखने को मिलती हैं. इस मस्जिद में 17 गुंबद हैं. अलीगढ़ की यह जामा मस्जिद देश की पहली मस्जिद है, जहां पर 1857 की क्रांति के 73 शहीदों की कब्रें हैं. इसलिए इसे गंज-ए-शहीदान यानी शहीदों की बस्ती भी कहा जाता है.

Umh News india

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