2025 में लगेंगे चार ग्रहण लेकिन भारत में दिखेगा केवल एक
दिल्ली । नए साल 2025 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल दुनिया को दो सूर्यग्रहणों और दो चंद्रग्रहणों के रोमांचक दृश्य दिखाएगी। हालांकि, उज्जैन की एक प्रतिष्ठित वेधशाला यानी ऑबसर्वेट्री का ये पूर्वानुमान है कि इससे भारत के एस्ट्रोनॉमी (Astronomy) में रुचि रखने वाले लोग थोड़ा निराश हो सकता हैं ये सोचकर कि देश में इनमें से केवल एक ग्रहण ही निहारा जा सकेगा।
कहां दिखाई देगा पहला ग्रहण?
ऑबसर्वेट्री के सुपरिटेंडेंट डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने शुक्रवार को बताया कि नए साल में ग्रहणों का सिलसिला 14 मार्च को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से शुरू होगा। उन्होंने कहा है कि ‘नववर्ष का ये पहला ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि इस खगोलीय घटना (Astronomical Phenomenon) के वक्त देश में दिन का समय होगा। ये घटना अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी व दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगी।’
मार्च का सूर्यग्रहण नहीं दिखेगा भारत में
डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि 29 मार्च 2025 को सूर्यग्रहण लगने की संभावना है लेकिन ये भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा। ये ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आईस लैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, संपूर्ण यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में देखा जा सकेगा।
सितंबर के बीच देखा जाएगा देश में पूर्ण चंद्रग्रहण
गुप्त ने अपनी बातों में आगे बताया है कि भारत के जिन लोगों को एस्ट्रोनॉमी पसंद है उन्हें ये बात उत्साहित कर सकती है कि 2025 में सात और आठ सितंबर के बीच लगने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण देश में देखा जा सकेगा। ये ग्रहण एशिया के अन्य देशों के साथ ही यूरोप, अंटाकर्टिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा।
कब लगेगा 2025 का आखिरी ग्रहण?
संभावना है कि साल 2025 का अंतिम ग्रहण, सूर्यग्रहण के रूप में 21 और 22 सितंबर के बीच लगेगा और ये भारत में देखी नहीं जा सकेगी। ये आंशिक सूर्यग्रहण होगा और इसे न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिम अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।