चीन के नए HMPV वायरस से लड़ने के लिए कितना तैयार है भारत?
दिल्ली : कोरोना वायरस के 5 साल बाद एक बार फिर चीन में एक नया वायरस हाहाकार मचा रहा है, जिसका नाम ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV)है. चीन में तबाही मचाने वाला ये वायरस अब भारत में भी पहुंच गया है. बंगलूरू में इसके पहले मामले की पुष्टि की गई है, यहां आठ महीने की बच्ची को इस वायरस से संक्रमित पाया गया है. भारत में अब तक 3 बच्चे इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इस वायरस को लेकर भारत में भी लोगों में काफी डर बना हुआ है. क्या ये वायरस भी कोविड-19 की ही तरह दुनिया के लिए बड़ा आपदा बनेगा या इस पर काबू पाया जा सकता है? भारत इस वायरस से लड़ने के लिए कितना तैयार है? यही जानने के लिए NEWS CHANNEL ने दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. निखिल मोदी से बात की.
डॉ. निखिल मोदी ने बताया कि यह वायरस कोई नया वायरस नहीं है. एचएमपीवी एक रेस्पिरेटरी वायरस है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है. एचएमपीवी सामान्य सर्दी और निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. ऐसा नहीं है कि यह वायरस सिर्फ चीन में ही देखा गया है बल्कि यह वायरस दुनिया भर में देखा गया है और इसके मरीज भी पाए गए हैं. चीन में जो अभी एकदम से एचएमपीवी वायरस के मरीज बढ़े हैं उसमें माइक्रो प्लाज्मा, निमोनिया और फ्लू करने वाले तत्वों की वजह से बढ़ गए हैं. उन सब की वजह से एकदम से अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ गई है. कई बार वायरस में जेनेटिक बदलाव होने की वजह से कोई नया वायरस उत्पन्न हो सकता है.
सर्दियों में होने वाला सबसे आम वायरस है एचएमपीवी
डॉ. निखिल मोदी ने बताया कि एचएमपीवी सर्दियों में होने वाला सबसे आम वायरस है. सर्दियों में होने वाले फ्लू का सबसे बड़ा फैक्टर एचएमपीवी वायरस होता है. भारत में इन दिनों फ्लू के कई मामले सामने आ रहे हैं, यकीनन एचएमपीवी के भी कई मामले इसमें शामिल होंगे. नॉर्मल एचएमपीवी वायरस के जो मरीज आते हैं ओपीडी में उनकी टेस्टिंग नहीं होती है, अगर एचएमपीवी का कोई नया मरीज ओपीडी में आ रहा होगा तो अभी एचएमपीवी की अलग से कोई जांच नहीं चल रही है, जब आउटब्रेक की स्थिति आती है तभी इसकी अलग से जांच की जाती है.
इन लोगों को है बचाव की ज्यादा जरूरत
डॉ. निखिल मोदी ने बताया कि एचएमपीवी से कोई भी संक्रमित हो सकता है, लेकिन यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में सबसे ज्यादा आम है. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो ऐसे मरीजों को अगर यह वायरस होता है तो उनका ऑक्सीजन का स्तर गिर सकता है. उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है या उन्हें अपना लंबा इलाज करना पड़ सकता है. ऐसे मरीज कई बार लापरवाही करने की वजह से आईसीयू तक पहुंच सकते हैं. ऐसे लोगों के लिए यह जानलेवा तक साबित हो सकता है
- 5 साल से कम उम्र के बच्चे
- बुजुर्ग
- रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीज
- कमजोर इम्युनिटी से पीड़ित मरीज
- दिल की बीमारी से पीड़ित मरीज
- लिवर ट्रांसप्लांट या किडनी ट्रांसप्लांट वाले लोग
- डायबिटीज के मरीज
कोविड19 जितना खतरनाक नहीं है एचएमपीवी
डॉ. निखिल मोदी ने बताया कि एचएमपीवी वायरस का वैसा प्रभाव हमारे देश में नहीं देखने के लिए मिलेगा जैसा कि हमने कोविड-19 के वक्त देखा था. कोविड-19 के वक्त हमारा देश इस तरह के वायरस से लड़ने के लिए तैयार भी नहीं था लेकिन अब हमारा मेडिकल सिस्टम किसी भी तरह के वायरस और बीमारियों से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है. ऐसे में लोगों को डरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है.
एचएमपीवी वायरस के लक्षण
- खांसी, सर्दी और जुकाम
- बुखार
- बहती या बंद नाक
- सांस लेने में तकलीफ
- शरीर पर लाल चकते
- कमजोरी लगना और सिर में दर्द
- खांसी में बलगम बनना या फिर खांसी के साथ ही खून आना