बुलंदशहर में मिलीं 3464 वक्फ संपत्तियां, कीमत अरबों में
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में वक्फ संपत्तियों की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। लोकसभा में वक्फ बिल पास होने के बाद योगी सरकार ने जिलेवार वक्फ संपत्तियों का ब्योरा तैयार करवाया है।
बुलंदशहर की सात तहसीलों में कुल 3,464 वक्फ संपत्तियां चिह्नित की गई हैं। बुलंदशहर तहसील में सबसे अधिक 1,075 संपत्तियां मिली हैं। खुर्जा में 750, अनूपशहर में 578, सिकंदराबाद में 449, शिकारपुर में 236, डिबाई में 203 और स्याना तहसील में 173 वक्फ संपत्तियां हैं।
इन संपत्तियों की कुल कीमत अरबों रुपये है। लेकिन वक्फ बोर्ड को इनसे मामूली आय प्राप्त होती है। कस्टोडियन इन संपत्तियों से कमाई तो करते हैं, पर इनकी देखभाल पर खर्च नहीं करते। कई जगहों पर अवैध कब्जे भी किए गए हैं।
वक्फ संपत्तियों का मूल उद्देश्य गरीबों, बेसहारा, विधवाओं और अनाथों की मदद करना था। इन जमीनों पर अस्पताल, मुसाफिरखाना और यतीमखाना खोले जाने थे। लेकिन यह उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। कस्टोडियन ने इन्हें निजी कमाई का जरिया बना लिया।
सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण धारा 37 रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इसमें संपत्ति का पूरा ब्यौरा होता है – चाहे वह कृषि भूमि हो, प्लॉट हो, बाग हो या व्यावसायिक संपत्ति।
राजा लाल सिंह ने वक्फ की थी प्रोपर्टी
अलीगढ़ और बुलंदशहर जिलों में करीब 50 हजार बीघा भूमि राजा लाल सिंह के वंशज बासित अली खां ने वक्फ की थी। बादशाह अकबर के काल में राजघराने के लाल सिंह मुस्लिम धर्म अपनाकर लाल खां बन गए थे। तब से यह परिवार मुसलमान है। बताते हैं कि नवाब छतारी अहमद सईद खां और बासित अली खां ममेरे भाई थे। वक्फ की गई जमीनों पर वर्तमान में अवैध कब्जे कर लिए गए हैं। ज्यादातर जमीनों का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मानवेन्द्र राजपूत ने बताया जिले में वक्फ सम्पत्तियां का चिन्हीकरण कर लिया गया है। जिले में कुल 3464 वक्फ सम्पत्तियां मिली है। ये वक्फ सम्पत्तियों की सूची शासन को भेज दी गई है। आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।