Hindi News LIVE

RO-ARO की परीक्षा रद्द…6 महीने में दोबारा होगी, सीएम योगी बोले- किसी भी हालत में दोषियों को नहीं छोड़ेंगे

Share News
5 / 100

समीक्षा अधिकारी (RO)/सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षा शनिवार को रद्द कर दी गई। यह परीक्षा 11 फरवरी को यूपी के 58 जिलों के 387 केंद्रों पर हुई थी। इसके बाद से ही कथित रूप से इसके प्रश्न पत्र के प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें मिली थीं।

इन शिकायतों को देखते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी समीक्षा की। इसके बाद परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया गया। अब इस परीक्षा को 6 महीने के अंदर दोबारा कराया जाएगा।बैठक में सीएम योगी ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच STF को सौंपी गई है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि इस प्रकार के कामों में शामिल व्यक्तियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए।

11 फरवरी को RO और ARO की प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित की थी। इस दौरान पेपर आउट होने और क्वेश्चन पेपर की सील टूटने के आरोप लगे थे। इस परीक्षा के लिए 10 लाख 69 हजार 725 कैंडिडेट्स ने एप्लिकेशन फॉर्म भरा था। समीक्षा अधिकारी (आरओ) के 334 और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) भर्ती के 77 यानी कुल 411 पद हैं। जिनके लिए रिकॉर्ड तोड़ 10,69,725 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस तरह से एक पद के लिए 2600 से अधिक दावेदार मैदान में हैं। RO/ARO का एग्जाम प्रदेश के 58 जिलों के 387 केंद्रों पर हुआ था। 11 फरवरी को 2 पालियों में पेपर हुआ था।

इस दौरान प्रतापगढ़ के राम अंजोर मिश्र इंटर कालेज से एक अभ्यर्थी नकल करते पकड़ा गया था। उसकी पहचान प्रवीण कुमार पटेल के रूप में हुई थी। वह ब्लू-टूथ डिवाइस के साथ नकल कर रहा था। इसके अलावा गाजीपुर में परीक्षार्थियों ने सुबह की पहली पाली में परीक्षा से पहले पेपर का सील टूटी होने की बात कही थी। इसके साथ ही जमकर हंगामा किया था। इसका वीडियो भी सामने आया था।

इसके पहले यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा शनिवार यानी 24 फरवरी को रद्द कर दी गई थी। 17 और 18 फरवरी को यह परीक्षा यूपी के 75 जिलों में हुई थी। इसमें 48 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हुए थे। इसके बाद से ही पेपर लीक होने का आरोप लगाकर पूरे प्रदेश में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। योगी सरकार ने 6 महीने में फिर से परीक्षा कराने का फैसला किया।

इस बारे में भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार अगर नौकरी देना चाहती तो जब पहला पेपर लीक हुआ था, तभी सख्ती से कार्रवाई करती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *