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फरलो मिलने के बाद डेरा पहुंचा राम रहीम, खुशी से झूमीं महिलाएं बोलीं-पिता जी आ गए

सिरसा.  हरियाणा के सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 13वीं बार फरलो मिली है और वह जेल से बाहर आ गया है. बाबा को 21 दिन की फरलो दी गई है. इस दौरान राम रहीम सिरसा डेरे पहुंचा और अपने समर्थकों से कहा कि “आपकी सेवा में फिर हाजिर हूं. आप सभी साध संगत अपने-अपने घरों में सिमरन करें.” वहीं, खुशी से उनके समर्थर भी झूम उठे और महिला श्रद्धालुओं ने कहा कि पिता जी अब आ गए हैं.

दरअसल, हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में रेप और हत्या के मामले में 20 साल की सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है. इस दौरान वे सिरसा डेरे में ही रहेंगे.

बुधवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से सिरसा लाया गया. यहां पहुंचकर राम रहीम ने वीडियो जारी कर कहा, “फिर से श्रद्धालुओं की सेवा में हाजिर हूं. सभी अपने-अपने घरों में रहें और डेरे के जिम्मेदार लोग जो कहें, वही करें.” उधर, बाबा के बारे में जानकारी मिलते ही सिरसा में उनकी महिला समर्थक खुशी से झूम उठी. साथ ही डेरे के बाहर महिलाएं भावुक हो गईं. डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को जेल से बाहर निकलने के बाद डेरे के बाहर लोगों की भीड़ बढ़ गई. डेरे के बाहर महिलाओं के आंसू निकले, बोलीं, “पिता जी आ गए…” फिलहाल, पुलिस की हलचल भी बढ़ी है.

राम रहीम डेरे के स्थापना दिवस के 77वें समारोह में शामिल होंगे. डेरा सच्चा सौदा की स्थापना 29 अप्रैल 1948 को संत शाह मस्ताना ने की थी. इसी में शामिल होने के लिए राम रहीम को फरलो मिली है. इससे पहले वे 28 जनवरी 2025 को 30 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए थे. तब उन्होंने 10 दिन सिरसा डेरा और 20 दिन UP के बरनावा में बिताए थे. राम रहीम 2017 से जेल में हैं. 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में उन्हें 20 साल की सजा हुई थी. इसके बाद 17 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्र कैद हुई. वहीं, डेरा मैनेजर रणजीत सिंह के हत्या मामले में अक्टूबर 2021 में CBI कोर्ट ने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई.

अभी वे रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं. यहां से पैरोल और फरलो लेकर वे अब तक 12 बार बाहर आ चुके हैं. यह 13वां मौका है, जब वे जेल से बाहर आए हैं. डेरा के वकील और प्रवक्ता जितेंद्र खुराना ने कहा कि गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो स्टेट की कम्पीटेंट अथॉरिटी द्वारा दी गई है. 21 दिन की फरलो के दौरान गुरमीत राम रहीम सिरसा आश्रम में रुकेंगे..अगर कैदी ने अपनी सजा का एक हिस्सा पूरा कर लिया है, तो उसे पैरोल मिल सकती है. स्पेशल कंडीशंस में ही कैदियों को पैरोल मिलती है, जैसे- परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए या बीमारी हो, किसी करीबी की शादी हो, या अन्य जरूरी वजह हों. पैरोल 2 तरह की होती है- रेगुलर और कस्टडी. रेगुलर पैरोल में कैदी आजाद रह सकता है, लेकिन कस्टडी पैरोल में कैदी के साथ पुलिस होती है.

फरलो के लिए कैदी को किसी तरह की स्पेशल कंडीशन की जरूरत नहीं होती है. यह उसका कानूनी अधिकार है. हर राज्य ने फरलो के लिए अपने रूल्स और गाइडलाइंस बनाई हैं. कई राज्यों के रूल्स और गाइडलाइंस कमोबेश एक जैसे ही हैं, केवल फरलो पाने की प्रोसेस अलग-अलग है.

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