लखनऊ नगर निगम बैठक में जोरदार हंगामा: पार्षद बोले- बजट झूठा है; कॉपी फाड़ दी
लखनऊ नगर निगम मुख्यालय में बजट को लेकर बैठक हो रही है। पार्षद निधि सहित अन्य मुद्दों को लेकर जमकर तकरार चल रही है। इस दौरान बीजेपी पार्षद मोंटी सिंह ने कहा- बजट झूठा है। उन्होंने बजट कॉपी फाड़ दी। नाराज मेयर सुषमा खर्कवाल ने सदन से माफी मांगने को कहा। इससे टकराव बढ़ गया और पार्षद वेल में आकर बैठ गए। इसके बाद सदन को स्थगित करना पड़ा।
सदन में बाबा साहब की तस्वीर के साथ पहुंचे मोंटी सिंह ने कहा- पार्षद निधि को लेकर महापौर की मनमानी नहीं चलेगी। जो प्रस्ताव कार्यकारिणी में पास नहीं किए गए, उसे संकल्प पत्र में क्यों रखा गया है। भाजपा पार्षद रघुनाथ शुक्ला ने बढ़ी पार्षद निधि में मदों के निर्धारण पर सवाल उठाया।
मेयर के सवाल पर शुरू हो गया विरोध
मेयर ने 10 मार्च को कार्यकारिणी बैठक के बहिष्कार पर पार्षदों से उसका कारण पूछा। साथ ही कहा- विकास कार्य के साथ में अन्य मद में पैसे क्यों खर्च किए गए। इस बात पर पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया।
नाराज भाजपा पार्षदों का कहना है- मेयर और नगर आयुक्त ने खुद की निधि कम करने की घोषणा की थी, लेकिन इससे जुड़ा कोई फैसला नहीं लिया है। पार्षदों का कहना है- अगर एक बार निधि कम करने का दावा किया जा चुका है तो उसकी यथास्थिति बनी रहनी चाहिए। पार्षदों में गतिरोध बना हुआ है।
पार्षदों ने एकमत होकर बहुमत बनाते हुए पार्षद निधि पास करा ली है। पार्षदों ने 53 बी नियम के तहत पार्षद निधि के खर्च को करने का प्रस्ताव पास हाथ उठा कर पास कर दिया है।
मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा- पार्षद अपने वार्ड में आवश्यकता अनुसार 10 लाख तक खर्च कर सकते हैं।
पार्षद मुन्ना मिश्रा ने पार्षदों की तरफ से मांग उठाई कि पार्षद निधि 53 बी नियम के तहत रखा जाए। इसमें पार्षद जिस मद में खर्च करना चाहते हैं उसी में खर्च किया जाए।पार्षद मुन्ना मिश्रा ने पार्षदों की तरफ से मांग उठाई कि पार्षद निधि 53 बी नियम के तहत रखा जाए। इसमें पार्षद जिस मद में खर्च करना चाहते हैं उसी में खर्च किया जाए।
पार्षद मुन्ना मिश्रा ने मांग उठाई कि पार्षद निधि 53 बी नियम के तहत रखी जाए। इसमें पार्षद जिस मद में खर्च करना चाहते हैं। उसी में खर्च करने की सहूलियत मिले।
पार्षद सौरभ सिंह मोनू ने कहा- मेयर विकास की गंगा बहा रही हैं। इसलिए पार्षद निधि में मद का निर्धारण न किया जाए।
सदन में हंगामे के दौरान स्थित बिगड़ने से पहले कांग्रेस पार्षदों ने बीच-बचाव किया। किसी तरह मामला शांत कराया। इस दौरान भाजपा खेमे के महापौर समर्थक पार्षद रणजीत सिंह पार्टी में बढ़ती कलह और तनाव से नाराज होकर पीछे जाकर बैठ गए। कांग्रेस पार्षद ममता चौधरी ने कहा- जब पार्षद सफाई का खर्च करेंगे तो सफाई कंपनी को ठेका देना उचित नहीं है।
नगर निगम सदन 10 मिनट स्थगित होने के बाद पार्षद वेल में आकर बैठ गए। इस दौरान एक पार्षद बोले- 10 साल से पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी जाती। साथी पार्षद से कहा- आप कार्यकारिणी बैठक में बनाकर वीडियो सबको दिखाएं।