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घरों में बैठकर सॉल्वर लिख रहे थे बोर्ड की कॉपियां, UP STF ने 6 पकड़े, परीक्षार्थियों से 50-50 हजार वसूले

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आजमगढ़ में यूपी बोर्ड परीक्षा में सॉल्वर बैठाकर कॉपियां लिखी जा रही हैं। इसके एवज में परीक्षार्थियों से 20 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक वसूले गए। नकल होने की सूचना पर यूपी STF की टीम ने पंडित कामता प्रसाद इंटर कॉलेज में छापेमारी की।

टीम ने यहां से प्रधानाचार्य, चार सॉल्वर और जन सेवा केंद्र संचालक को अरेस्ट कर लिया। ये सॉल्वर कॉलेज से 100 मीटर दूर स्थित घरों में बैठकर कॉपियां लिख रहे थे। जबकि दो सॉल्वर परीक्षा कक्ष से बाहर अन्य कक्ष में कॉपियां लिख रहे थे। सभी आरोपी गंभीरपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। कॉलेज का प्रबंधक हिस्ट्रीशीटर है।

यूपी एसटीएफ के निरीक्षक पुनीत परिहार और अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में ​​​टीम गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे के बाद आजमगढ़ जिले के गंभीरपुर थाना क्षेत्र ठेकमा मुड़हर स्थित पंडित कामता प्रसाद इंटर कॉलेज पहुंची। उनके साथ जिला विद्यालय निरीक्षक उपेंद्र कुमार, सेक्टर मजिस्ट्रेट हरिशंकर दूबे और थानाध्यक्ष बसंतलाल भी थे।

यहां दूसरी पाली में भौतिक विज्ञान का पेपर चल रहा था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया- सूचना मिली थी कि कॉलेज में बड़े पैमाने पर नकल का खेल चल रहा है। टीम ने परीक्षा कक्षों में चेकिंग की।

पता चला कि सॉल्वरों को दूसरे परीक्षार्थियों के स्थान पर बैठकर कापियों को लिखा जा रहा है। कुछ कॉपियां कॉलेज के अंदर तो कुछ बाहर लिखी जा रही थीं। टीम ने कॉलेज की प्रधानाचार्य बबिता तिवारी, सॉल्वर नवनीत राय, राधेश्याम, शीतल तिवारी और निधि को अरेस्ट कर लिया। साथ ही जन सेवा केंद्र संचालक धर्मलेश सरोज को भी पकड़ा है।

आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन, 5 प्रवेश पत्र, चार कूटरचित आधार कार्ड, 6 इंटरमीडिएट के भौतिक विज्ञान का प्रश्न पत्र, लिखी गई उत्तर पुस्तिकाएं बरामद की। जांच में पता चला कि कॉलेज की प्रधानाचार्य ने इसके एवज में परीक्षार्थियों से धनराशि वसूली थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि जब टीम परीक्षा कक्ष में पहुंची तो वहां परीक्षार्थी अनिल कुमार पुत्र संतलाल निवासी निवासी भैसकुर थाना बरदह जनपद आजमगढ़ एक कॉपी लिए बैठा था। एक घंटा बीत जाने के बाद भी उसने कॉपी में कुछ नहीं लिखा था। जांच में पता चला कि वह डुप्लीकेट कॉपी लेकर परीक्षा कक्ष में बैठा था।

उसके साथ ही अन्य परीक्षार्थियों की कॉपी परीक्षा केंद्र से लगभग 100 मीटर दूर राजू सरोज और संजय सरोज के घर पर सॉल्वर से लिखवाई जा रही थी। पूछताछ में पता चला कि विशाल राय उर्फ शोले एवं निलेश तिवारी उर्फ छोटू स्कूल से कापी बाहर ले जाकर सॉल्वर के माध्यम से लिखवाते थे और लिखवाने के बाद कापी स्कूल में जमा कराते थे। नकल के इस खेल में जन सेवा संचालक धर्मलेश सरोज को भी शामिल था। पुलिस ने बताया कि जन सेवा संचालक धर्मलेश सरोज फर्जी आधार कार्ड बनाता था। वह अपने जन सेवा केंद्र पर संबंधित परीक्षार्थियों के आधार कार्ड में उनकी फोटो के स्थान पर साल्वरों की फोटो लगाकर नया आधार कार्ड बना देता था।

इसके एवज में उसे रकम दी जाती थी। उसके पास साल्वरों के फोटो, डिटेल और फर्जी आधार कार्ड मिले हैं।

एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया- कॉलेज प्रबंधक विजय तिवारी ने पत्नी बबिता तिवारी को कॉलेज का प्रधानाचार्य बनाया था। वहीं कॉलेज में नकल करवाती हैं। परीक्षा केंद्र के अंदर कक्षा में सॉल्वर के माध्यम से कॉपी लिखने के एवज में प्रति परीक्षार्थी 20000 लिया जाता था।

जबकि परीक्षा केंद्र के बाहर कॉपी लिखवाने का प्रधानाचार्य ने प्रति परीक्षार्थी 50000 रुपए वसूले। पुलिस ने बताया कि पंडित कामता प्रसाद इंटर कॉलेज का प्रबंधक विजय तिवारी गंभीरपुर थाने का रजिस्टर्ड हिस्ट्रीशीटर है। विजय तिवारी पर वर्ष 1998 में जौनपुर जिले के लाइन बाजार में लूट और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था।

इस मुकदमे से संबंधित तीन मुकदमे और दर्ज किए गए थे। बाद में लूट के मामले में जौनपुर की पुलिस ने आरोपी विजय तिवारी को गिरफ्तार किया था। हालांकि 1998 के बाद से आरोपी पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।

इसके साथ ही आजमगढ़ जिले में आरोपी पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। हालांकि छापेमारी के बाद से आरोपी फरार है। फरार आरोपी की तलाश में जिले की पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है।

आरोपी विजय तिवारी के कई स्कूलों और कॉलेज हैं। उसके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई चल रही है। एसटीएफ ने सभी छह आरोपियों के खिलाफ थाना गंभीरपुर में मुकदमा दर्ज कराया है।

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