परमात्मा का स्मरण करने से परमात्मा सर्वस्व लूटा देता है : निर्जानन्द शास्त्री
धनबाद (दीपक कुमार), मानस मंदिर, जगजीवन नगर, में 52वें मानस महाधिवेशन के नवाह परायण एवम राम कथा के छठे दिन विंध्याचल के विद्वान देवी प्रशाद पाण्डे द्वारा रामचरित मानस का पाठ हुआ।
पंडित ज्योति नारायण झा के अचारत्व में उज्ज्वल वर्मा ,मनिका कीर्ति वर्मा एवम चंद्रशेखर शर्मा, जया शर्मा द्वारा आज का कर्मकांड संपन्न कराया गया ।यह परायण पूरे नगर के उत्थान के उद्देश्य से कराई जाती है।
संध्या में राम कथा के अवसर पर काशी के मानस किनकर श्री निर्जानन्द शास्त्री ने बताया की परमात्मा का स्मरण करने से परमात्मा सर्वस्व लूटा देता है। वन गमन का प्रसंग सुनाते हुए महाराज जी ने बताया मैं उसके लिए अपना घर द्वार छोड़ता हूं जो मेरे लिए अपना घर द्वार सुख छोड़ता है ।भगवान श्रीराम पिता का आज्ञा , संतो के सेवा पालन करने के लिए वनवासी हुए । सात कारणों से भगवान वनवासी हुए ,मूल कारण अपने छोटे भाई भारत को राजगद्दी मिले,और भारत के हृदय में गंभीरता के साथ जो प्रेम का अमृत छुपा है उस प्रेम रूपी अमृत को प्रगटाने के लिए भगवान वनवासी हुए भगवान राम और भरत ऐसे भाई है जो संपत्ति का नही विपत्ति का बटवारा किए ,हर भाई को इससे सीख लेनी चाहिए। मुख्य अतिथि श्री राजीव शर्मा महामंत्री झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन एवम सेक्रेटरी जालान हॉस्पिटल थे। स्वागत निरंजन सिंह ने किया, मंच संचालन निशांत नारायण ने की धन्यवाद ज्ञापन विनोद दुबे ने किया।समिति के बीरबल रवानी,सुभेंदु,संतोष कर्ण,सपन अधिकारी,कन्हाई भट्टाचार्य, सामशेर सिंह राठौर,राहुल ,सुधा शर्मा,रीता सिंह, निशी सिंह,गायत्री सिंह,कालिंदी पाठक सहित सैंकड़ों नगरवासी आज की कथा में समिल्लित हुए ।