काशी : मंत्री के बेटे से हाथापाई, दरोगा सस्पेंड, भीड़ बढ़ी तो लाठीचार्ज
काशी के 481 साल पुराने भरत मिलाप मेले में रामभक्तों पर लाठीचार्ज से पुलिस पर सवाल उठे हैं। लाखों की भीड़ जुटाने वाली ऐतिहासिक रामलीला से जुड़े आयोजन में पहली बार पुलिस के लाठीचार्ज से लोगों में गुस्सा है।
नाटी इमली मैदान में पुष्पक विमान लेकर पहुंचे यादव बंधुओं को पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोकना चाहा। उनकी एंट्री रोकने में नाकाम अफसरों और पुलिसकर्मियों ने लाठियां चलाना शुरू कर दिया। पुलिस की कार्यशैली से साफ जाहिर था कि पुलिस रामभक्तों को मैदान से बाहर रखना चाहती थी।
उधर, मंत्री रविंद्र जायसवाल के बेटे आयुष को रोकने पर चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया। पूर्वांचल से लेकर यूपी और देशभर में फजीहत के बाद वायरल वीडियो को नकारते हुए DCP काशी ने लाठीचार्ज नहीं होने की सफाई पेश की। लाठीचार्ज और भगदड़ में गिरने से कई लोग चोटिल हो गए।
घटना के कई वीडियो और फोटो वायरल हुए तो काशीवासियों ने सोशल मीडिया पर जमकर पुलिस को कोसा। वहीं राजनीतिक दलों ने भी दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कानून व्यवस्था और वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की मंशा पर सवाल उठाए।
रविवार को चार बजे नाटी इमली मैदान में भरत मिलाप की लीला के पहले ही पूरा मैदान खचाखच भर गया। सड़क से लेकर आसपास की गलियां भी श्रद्धालुओं से पैक हो गईं। काशी नरेश भी मैदान में हाथी पर सवार थे और गारद की सलामी के बाद राम लक्ष्मण के दर्शन का इंतजार कर रहे थे।
आम नागरिकों के लिए पूर्वी और पुष्पक विमान लॉक के लिए पश्चिमी गेट निर्धारित था। श्रीराम के पुष्पक विमान लेकर पहुंचे यादव बंधुओं को पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोक दिया। तय किया कि विमान के मैदान में प्रवेश करते ही एंट्री नहीं दी जाएगी, जबकि यह गेट हर साल सैकड़ों यादव बंधुओं के लिए ही प्रवेश द्वार रहता है।
विमान प्रवेश करते ही पुलिस ने रामभक्तों को रोका तो तनातनी हो गई। दोनों पक्षों में नोकझोंक और धक्का-मुक्की के बीच भक्त विमान से दूर नहीं रहना चाहते थे। जब यादव बंधुओं की भीड़ बढ़ी तो बैरिकेडिंग पर तैनात ACP समेत इंस्पेक्टर और दरोगाओं ने हाथों में लाठी थामते ही भांजना शुरू कर दिया।
लाठीचार्ज के बाद भीड़ बेकाबू हो गई। भगदड़ में कई लोग गिरकर चोटिल हो गए। जिन लोगों को पुलिस की लाठियां पड़ी वो भागते नजर आए। कई लोग जूते-चप्पल छोड़कर भागे। कई यादव बंधु के अलावा महिला और बच्चे भी चोटिल हुए।
उधर, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल के बेटे आयुष जायसवाल के साथ भाजपा नेताओं को रोकने पर हाथापाई भी हुई। दरोगा से नोकझोंक देखकर ACP चेतगंज ने उन्हें जाने दिया। मंत्री के बेटे ने दरोगा को चेतावनी दी, जिसके कुछ देर बाद ही नाटी इमली चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया।
यादव बंधु नाटी इमली मैदान पर 3.45 बजे 100 मीटर दूर मंदिर से श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता का पुष्पक विमान लेकर पहुंचे थे। बैरिकेडिंग पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ पुष्पक विमान और उसके पीछे आ रहे लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद साथ चल रहे सैकड़ों यादव बंधुओं ने इसका विरोध किया।
रामभक्त यादव बंधुओं पर लाठीचार्ज के बाद किरकिरी ने पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। इसके बाद डीसीपी काशी कार्यालय ने लाठीचार्ज का खंडन किया। सफाई दी कि पुष्पक विमान आने के दौरान भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि संभालना मुश्किल हो गया। कुछ महिला और बच्चे बैरिकेडिंग के पास फंस और गिर गए उन्हें निकालने के प्रयास में लोगों को रोका गया, इस दौरान भगदड़ हो गई। डीसीपी काशी ने नाटी इमली के चौकी इंचार्ज अशोक सिंह को हटाकर सत्यदेव गुप्ता को नया चौकी इंचार्ज बनाया।
लीला व्यवस्थापक पं. मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि पश्चिमी गेट पर जिन-जिन अधिकारी की ड्यूटी थी उनकी लापरवाही से ही यह घटना हुई है। तीन दिन पहले पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में तय हुआ था कि पूर्वी गेट से आम जनता और पश्चिमी गेट से भगवान का रथ लेकर यादव बंधु आएंगे। आयोजन समिति ने पुलिस कमिश्नर और CM से ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की ।