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पंजाब के AAP विधायकों को केजरीवाल के 3 मंत्र, कहा- लोगों से जुड़ो, मुद्दे पहचानो, डटकर लड़ो

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) का पूरा फोकस पंजाब पर है।

राजधानी की हार का असर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर ना पड़े इसके लिए मंगलवार को पंजाब के सभी विधायकों को दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस में बुलाया गया था।

यहां पर करीब 30 मिनट तक पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नेताओं को मोटिवेट किया। मीटिंग के दौरान उन्होंने नेताओं को तीन मंत्र दिए। उन्होंने कहा- लोगों से जुड़ो, मुद्दों को पहचानों और डटकर लड़ो। सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग के बाद अब पार्टी के वर्किंग स्टाइल में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। पार्टी ने दावा किया कि पंजाब के सभी AAP विधायक मीटिंग में पहुंचे थे।

1. दिल्ली मॉडल पंजाब के लिए चुनौती पंजाब में सत्ता में आने से लेकर अभी तक प्रदेश में हुए हर चुनाव में AAP नेता दिल्ली मॉडल पेश कर वोट मांग रहे थे, लेकिन अब जब दिल्ली में ही पार्टी सत्ता से बाहर हो गई है तो ऐसे में दिल्ली मॉडल के नाम पर वोट मांगना असंभव सा हो गया है।

सीनियर पत्रकार एस पुरषोतम का कहना है कि जिस दिल्ली मॉडल के सहारे सत्ता में आए थे, वह उनके हाथ से निकल गया है। अब उन्हें पंजाब को मॉडल पेश करना होगा

2. महिलाओं को 1 हजार रुपए देने की गारंटी पूरी नहीं पंजाब में AAP ने सत्ता में आने से पहले 5 गारंटियां दी थीं। इनमें सबसे अहम गारंटी थी 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीनें एक हजार रुपए देना, लेकिन यह गारंटी अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ी है।

इसका खामियाजा पार्टी ने लोकसभा, निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव व दिल्ली चुनाव में भी भुगता है।

वहीं, अब पार्टी के लिए इस गारंटी को पूरा करना मजबूरी बन गई है। हालांकि इसे पूरा करने के संकेत दिल्ली में पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से मीटिंग के बाद वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने दिए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पांच से चार गारंटियां तीन साल में पूरी कर दी हैं। एक बची गारंटी को भी जल्दी ही पूरा किया जाएगा।

3. विधायकों को पावर देना सीनियर पत्रकार दर्शन सिंह सोढ़ी बताते हैं कि भले ही पंजाब में आम आदमी पार्टी की मजबूत सरकार है, लेकिन विधायकों व अन्य नेताओं के पास इतनी पावर नहीं है। जिस वजह से कई अफसर भी विधायकों की नहीं सुनते हैं। दूसरी तरफ अगर किसी कर्मचारी की ट्रांसफर भी करवानी पड़े तो उन्हें 3-3 लेटर मंत्रियों को लिखने पड़ते हैं।

यह मामला पार्टी की मीटिंगों के अलावा विधानसभा में भी उठ चुका है। यह शिकायत दूर करना भी बड़ी चुनौती है। जब नेताओं के पास कोई पावर रहेगी तभी वह पार्टी को इलाके में मजबूत कर पाएंगे। वहीं, संगठन में बदलाव करने होंगे।

4. कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवाल पंजाब सरकार भले ही कानून व्यवस्था को अन्य प्रदेशों से बढ़िया होने का दावा करती है, लेकिन गैंगस्टर कल्चर, नशा तस्करी और क्राइम बढ़ गया है।

एक के बाद एक थानों पर हमले हो रहे है। विपक्ष इस पर सरकार को घेर रहा है।

पत्रकार पुरुषोत्तम ने कहा कि कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। नशा अभी तक खत्म नहीं हुआ है। जबकि सत्ता में आने के समय वादा किया था।

5. राज्य पर बढ़ता कर्ज पंजाब पर इस समय 3.75 लाख करोड़ का कर्ज है। इस वजह से विकास योजनाओं के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो रहा है।

मुफ्त बिजली, महिलाओं को फ्री बस सर्विस और अन्य विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए भी पैसे की जरूरत है।

मौजूदा वित्तीय वर्ष में 28 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा है। खर्च कम कर अपने रिसोर्स पैदा करने होंगे।

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