हापुड़. तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में आने वाले श्रद्धालु जल्द ही सोलर नाव का लुत्फ उठा सकेंगे. सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा गढ़मुक्तेश्वर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा हैं यहां आने वाले सैलानियों को सुविधाएं मिलें, इसके लिए सरकार करोड़ों रूपया खर्च भी कर रही है.
उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास लिमिटेड और यूपी नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के बीच सौर ऊर्जा से चलने वाली नावों के संचालन के लिए समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में अत्याधुनिक सोलर नावों का संचालन शुरू किया जाएगा. श्रद्धालु इस अत्याधुनिक सोलर नाव में बैठकर न सिर्फ गंगा के अन्य घाटों के दर्शन कर सकेंगे, बल्कि गंगा के बीचों बीच जाकर लुत्फ उठा सकेंगे.
करीब एक करोड़ रूपये की लागत वाली इस नाव में एक बार में 12 से 15 लोग सवार हो सकेंगे और जल परिवहन के माध्यम से गढ़मुक्तेश्वर के दर्शन कर सकेंगे. तीर्थनगरी में मार्च 2024 से पहले सोलर बोट के संचालन की तैयारी है. नेड़ा के अधिकारियों का दावा है कि उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य होगा, जहां सोलर बोट शुरू की जा रही हैं. तीर्थनगरी आने वाले श्रद्धालुओं को सोलर बोट में बैठकर लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा, बल्कि इस नाव के माध्यम से गंगा स्थल का वायु प्रदूषण भी कम होगा. यह नाव रात को रंगीन लाइटों से जगमग रहा करेगी.