महाकुंभ जा रही 2 ट्रेनों पर पथराव, कोच के गेट न खुलने से भड़के यात्री, शीशे-दरवाजे तोड़े
महाकुंभ जा रही दो ट्रेनों में पथराव और तोड़फोड़ की गई। ट्रेन के अंदर पैर रखने की जगह नहीं थी। ऐसे में यात्रियों ने अंदर से दरवाजे बंद कर लिए।
वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-फतेहपुर पैसेंजर ट्रेन रात सोमवार रात हरपालपुर स्टेशन पर रुकी, यात्री चढ़ने के लिए गेट को धक्का देने लगे। जब गेट नहीं खुला तो पथराव शुरू कर दिया।
ऐसा ही वाकया अंबेडकर नगर-प्रयागराज एक्सप्रेस में भी हुआ। यह ट्रेन मध्य प्रदेश के छतरपुर रेलवे स्टेशन पर रुकी थी। RPF भीड़ को संभाल नहीं पाई तो पुलिस को बुलाया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को शांत किया। पथराव में दोनों ट्रेनों की कई बोगियों के शीशे, दरवाजे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है। झांसी स्टेशन से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-फतेहपुर पैसेंजर ट्रेन सोमवार रात 7.41 मिनट पर रवाना हुई। करीब 9.53 बजे हरपालपुर स्टेशन पर पहुंची। यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए दौड़े। ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण कोच के अंदर बैठे यात्रियों ने गेट बंद कर लिए थे। बाहर खड़े यात्रियों ने गेट खोलने की कोशिश की।
गेट नहीं खुला तो पथराव शुरू कर दिया। पथराव होते ही महिलाओं और बच्चों में चीख पुकार मच गई। इससे अंदर बैठे यात्री सहम गए। कुछ यात्री गेट के पास टूटी खिड़की को बंद करने की कोशिश करने लगे। करीब 10 मिनट तक बाहर से लोग पत्थर फेंकते रहे।
हरपालपुर थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा ने बताया कि हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर कुछ लोगों ने पथराव किया था। जानकारी लगने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और समझाकर देकर ट्रेन को रवाना किया छतरपुर रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों ने बताया कि रात करीब 12:45 बजे इंदौर से प्रयाग जा रही डॉक्टर अंबेडकर नगर एक्सप्रेस (14115) स्टेशन पर रुकी, इस दौरान ट्रेन में बैठे यात्रियों ने भीड़ को देखकर कोच के गेट बंद कर लिए।
इससे ट्रेन के बाहर खड़े लोग भड़क गए। वे पत्थर,और पानी की बोतल फेंकने लगे। लोगों को जो मिल रहा था, वही फेंक रहे थे। आरपीएफ जवान मौके पर थे, लेकिन वह कंट्रोल नहीं कर पाए तो पुलिस को सूचना दी। 40 मिनट बाद ट्रेन को रवाना किया गया।