सहारनपुर : छात्रा बोली- कक्ष में खींचकर कपड़े उतारने का किया प्रयास, FIR
सहारनपुर , मैं कॉलेज से घर पैदल जाती हूं। रास्ते में सर रोक लेते हैं। कहते हैं, चलो मैं तुम्हें छोड़ देता हूं, इनकार करने पर वह पकड़कर जबरन कार में खींच कर आगे वाली सीट पर बैठा लेते हैं। रास्ते में वह गलत तरीके से टच करते हैं। कॉलेज में वह मुझे अकेले में मिलने बुलाते हैं। ट्यूशन पढ़ने को कहा, मगर मैंने इनकार कर दिया तो फेल करने की धमकी दी।
मंगलवार को छुट्टी के समय प्रोफेसर ने कक्षा में मुझे खींच लिया । अश्लील हरकत करते हुए कपड़े उतारने लगा। मैं शोर मचाते हुए बाहर भागी। इस पर आरोपी प्रोफेसर भी मौके से भाग गया। मैंने कॉलेज प्रबंधन से शिकायत की।’
यह बयान सहारनपुर के लाला किशनचंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्रा ने जांच समिति और पुलिस को दर्ज कराया है। बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर मामले की जांच के लिए मां शाकंभरी देवी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तीन सदस्य टीम गठित की है। मामला थाना गंगोह क्षेत्र का है।
मंगलवार को लाला किशनचंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की बीए की छात्रा परिजनों के साथ थाना गंगोह पहुंची। छात्रा ने कॉलेज के हिंदी प्रोफेसर पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। छात्रा का कहना है कि वह कॉलेज पढ़ने गई थी। कोहरा और सर्दी के कारण स्टूडेंट्स कम आए थे। बताया, छुट्टी के बाद जैसे ही बाहर निकलने लगी, प्रोफेसर ने उसे रुकने को बोला।
मगर वह नहीं रुकी, इस पर आरोपी ने उसका हाथ पकड़कर क्लास रूम में खींच लिया। यहां उसने उसके कपड़े उतारने का प्रयास किया। उसने शोर मचाया तो आरोपी ने फेल करने की धमकी दी। किसी तरह वह शोर मचाते हुए बाहर भागी।
पीड़ित छात्रा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने शिक्षक अजय बिन्द के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 76, 78 और 351(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। कोतवाली प्रभारी रोजन्त त्यागी ने बताया कि पीड़ित छात्रा को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है और मामले की जांच की जा रही है।
बीए की छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला संज्ञान में आने के बाद मां शाकंभरी देवी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तीन सदस्य टीम गठित की है। समिति में जिले की तीन महिला प्राचार्य शामिल हैं। समिति ने बुधवार को कॉलेज पहुंचकर करीब 50 छात्राओं और अध्यापकों से गोपनीय तरीके से बयान दर्ज किए।
इस दौरान कालेज के स्टाफ और प्राचार्य को जांच प्रक्रिया से अलग रखा गया। कॉलेज की अन्य छात्राओं ने भी प्रोफेसर के खिलाफ बयान दर्ज कराए हैं।
महाविद्यालय की प्राचार्य ऋतु वर्मा ने पुष्टि की कि जांच पूरी तरह गोपनीय तरीके से की जा रही है। उन्होंने बताया कि टीम ने उनसे भी मामले से संबंधित जानकारी ली है, लेकिन जांच की गोपनीयता के चलते वे कुछ भी बताने में असमर्थ हैं। इस मामले में पहले भी कई लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है।