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Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि पर करनी है कलश स्थापना और नवदुर्गा पूजा? 

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शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 3 अक्टूबर गुरुवार से होने जा रहा है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हैं और उसके बाद नवदुर्गा की पूजा प्रारंभ होती हैं. पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं. इस साल आपको शारदीय नवरात्रि का व्रत रखकर माता दुर्गा की पूजा करनी है तो आपको पूजन सामग्री के बारे में जानकारी होनी चाहिए. कलश स्थापना से पहले आपको पूजा सामग्री की व्यवस्था करनी होगी, ताकि प्रतिपदा के दिन स्थापना के समय किसी चीज की कमी न रह जाए. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं शारदीय नवरात्रि की पूजा सामग्री के बारे में.

शारदीय नवरात्रि 2024 पूजा सामग्री

1. मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर, लकड़ी की एक चौकी, पीला वस्त्र चौकी के लिए

2. मां दुर्गा के लिए श्रृंगार की वस्तुएं, लाल चुनरी, लाल रंग की नई साड़ी

3. मिट्टी का कलश, 7 प्रकार के अनाज, आम, अशोक के पत्ते

4. रोली, सिंदूर, गंगाजल, चंदन, रक्षासूत्र, सिक्के

5. गुड़हल के फूल, माला, सूखा नारियल, जटावाला नारियल, लौंग, इलायची

6. पान का पत्ता, सुपारी, धूप, दीप, अगरबत्ती, कपूर, नैवेद्य, गुग्गल, लोबान

7. शहद, गाय का घी, रुई की बत्ती, पंचमेवा, जौ, फल, मिठाई

8. कुश का एक आसन, माचिस, मातरानी का ध्वज

9. दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, आरती आदि की एक पुस्तक

शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 2024

वैदिक पंचांग के अनुसार, अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि के दिन से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत होती है. इस साल अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को 12:18 एएम से लेकर 4 अक्टूबर को 02:58 एएम तक है. ऐसे में शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 3 अक्टूबर को है. उस दिन ही कलश स्थापना की जाएगी.

6. पान का पत्ता, सुपारी, धूप, दीप, अगरबत्ती, कपूर, नैवेद्य, गुग्गल, लोबान

7. शहद, गाय का घी, रुई की बत्ती, पंचमेवा, जौ, फल, मिठाई

8. कुश का एक आसन, माचिस, मातरानी का ध्वज

9. दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, आरती आदि की एक पुस्तक

शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 2024

वैदिक पंचांग के अनुसार, अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि के दिन से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत होती है. इस साल अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को 12:18 एएम से लेकर 4 अक्टूबर को 02:58 एएम तक है. ऐसे में शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 3 अक्टूबर को है. उस दिन ही कलश स्थापना की जाएगी.

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