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कानपुर : ट्रेन को उड़ाने की साजिश, ATS पहुंची, दो ट्रैक के बीच में मिला सिलेंडर, धमकी भरा लेटर

कानपुर के बर्राजपुर रेलवे स्टेशन के पास एक बार फिर रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर मिला है। मौके से ही जीआरपी को एक धमकी भरा लेटर भी मिला। रेलवे पुलिस ने इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद बुधवार को जीआरपी थाना फर्रुखाबाद में एफआईआर दर्ज कराई।

ट्रेन पलटाने की साजिश की आशंका के चलते इस मामले की जांच के लिए एटीएस समेत अन्य जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। ATS की एक टीम गुरुवार को जांच पड़ताल करने पहुंची। रेलवे ट्रैक पर 31 दिसंबर को गैस सिंलेडर मिला था। एटीएस के एक्सपर्ट सर्विलांस की मदद से रेलवे ट्रैक किनारे लैपटॉप लेकर घंटों जांच-पड़ताल में जुटे हुए हैं।

इससे पहले भी 112 दिन पहले इसी रेलवे ट्रैक पर भरा हुआ गैस सिलेंडर और पेट्रोल बम रखकर कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को उड़ाने की साजिश की गई थी। जांच एजेंसियां पुरानी कड़ियों को जोड़कर दोबारा जांच शुरू की है। टीम आसपास के CCTV खंगाल रही है। साथ ही आसपास के लोगों से बात कर उनके बयान दर्ज किए हैं।

रेलवे स्टेशन बिल्हौर में तैनात एसएसई रमेश चंद्र की ओर से जीआरपी थाना फर्रुखाबाद में एफआईआर दर्ज कराई गई है। रमेश चंद्र ने बताया कि 31 दिसंबर को शीतकालीन पेट्रोलिंग बीट नंबर 09 KM 34/0 में मो. इफ्तखार अहमद अंसारी और प्राइवेट कम्पेनियन मोहित कुमार शिवराजपुर के बर्राजपुर रेलवे स्टेशन के पास फुट पेट्रोलिंग कर रहे थे।

रात 9:10 बजे पेट्रोलिंग करते समय बर्राजपुर यार्ड KM 35/7-8 लाइन न0 02 (मेन लाइन) के मध्य एक घरेलू उपयोग का 5 ली खाली पुराना LPG गैस सिलेंडर थैले में रखा मिला। जिसकी सूचना पेट्रोलमैन ने समय 9:52 बजे ड्यूटी पर उपस्थित स्टेशन मास्टर BJR,SSE/PW/CPA मुझे व गैग मेठ गैंग को दी।

गैंग मेठ और की-मैन ने रात 10 बजे मौके पर पहुंचे। आदेश मिलने पर थैले में रखे गैस सिलेंडर को लाइन से हटा दिया गया। 10:45 बजे बर्राजपुर स्टेशन पर स्टेशन मास्टर को सुपुर्द कर दिया गया। इसके बाद रात 10 से 11 बजे तक रेलवे लाइन का औचक निरीक्षण किया गया। इसके बाद रेलवे लाइन के फिट होने का मेमो दिया गया।

8 सितंबर, रविवार की रात कानपुर में अनवर-कासगंज रूट पर कालिंदी एक्सप्रेस से सिलेंडर टकराया। ATS की जांच में ट्रैक पर सिर्फ सिलेंडर, पेट्रोल बम ही नहीं मिला, बर्राजपुर स्टेशन की तरफ करीब 20 मीटर तक पेट्रोल छिड़कने के निशान भी मिले हैं।

ट्रैक के बीच सिलेंडर रखा गया था। ट्रैक से सटाकर रखी कांच की बोतल में पेट्रोल था। उसमें एक बत्ती लगी हुई थी। एक झोले में ट्रैक किनारे बारूद रखा गया था।

साजिश यह थी कि बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच 100KMPH की रफ्तार से दौड़ रही कालिंदी एक्सप्रेस सिलेंडर से टकराएगी तो धमाका होगा। गैस रिसाव के साथ इंजन आग की चपेट में आएगा। टक्कर के बाद ट्रेन को पूरी तरह से रुकने में टाइम लगेगा, तब तक आग डिब्बों तक फैल जाएगी। हादसे को बड़ा बनाने के लिए पटरी के बगल में बारूद भी रखा गया था।

प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन के बाद अधिकारियों का कहना था कि इस साजिश के पीछे 4-5 हो सकते हैं। कानपुर के अलावा कन्नौज, उन्नाव, औरैया, हरदोई में पुलिस टीम के अलावा मुखबिर का नेटवर्क एक्टिव किया गया है। संदिग्ध लोगों को डिटेन करने का निर्देश दिया गया था।

कानपुर में 17 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस (19168) पटरी से उतर गई थी। 22 डिब्बे डिरेल हुए थे। ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी। गनीमत रही कि हादसे में किसी की जान नहीं गई। कुछ यात्रियों को चोट लगी। हादसा देर रात 2.35 बजे कानपुर शहर से 11 किमी दूर भीमसेन और गोविंदपुरी स्टेशन के बीच हुआ।

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