Politics

मायावती की अखिलेश को नसीहत-अपने गिरेबान में झांकें

लखनऊ,  बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने सपा सुप्रीमो को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दे डाली। मायावती के इस बयान पर जब अखिलेश से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- नो कमेंट, 100 दिन बचे हैं… BJP जाएगी।

दरअसल, अखिलेश शनिवार को बलिया में थे। मीडिया के सवाल- INDIA गठबंधन में मायावती जुड़ती हैं तो क्या ये गठबंधन के लिए फायदा होगा? इस पर उन्होंने कहा था-चुनाव बाद की गारंटी कौन लेगा? यानी बाद में मायावती किस पार्टी के साथ चली जाएं, इसकी गारंटी कौन लेगा।

यही बात मायावती को चुभ गई। क्योंकि, कहीं न कहीं इसके जरिए पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए गए। अखिलेश के इसी बयान पर मायावती ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पलटवार किया। रविवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर अखिलेश की अध्यक्षता में अधिवक्ता महासभा की बैठक आयोजित हुई। इसमें 1 हजार से ज्यादा वकील शामिल हुए।

इस दौरान अखिलेश ने मीडिया से बातचीत की। पत्रकारों ने उसने सवाल पूछा- मायावती ने गिरेबान में झांकने और बीजेपी से आशीर्वाद लेने की बात कही है, आप क्या कहेंगे? इस पर उन्होंने कहा- नो कमेंट, 100 दिन बचे हैं… BJP जाएगी।

मायावती ने रविवार को X पर दो पोस्ट की। इसमें लिखा, “अखिलेश को बसपा पर अनर्गल तंज कंसने से पहले अपनी गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। अखिलेश अपनी और अपनी सरकार की दलित विरोधी आदतों से मजबूर हैं। उन्हें देखना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने और भाजपा से मेलजोल करने में कितना दागदार है।”

उन्होंने अगली पोस्ट पर लिखा, “तत्कालीन सपा प्रमुख ने भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले और बाद में आशीर्वाद दिया, इसे कौन भूल सकता है। भाजपा सरकार बनने पर सपा का भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलना-जुलना जनता भूल नहीं सकती। ऐसे में सपा सांप्रदायिक ताकतों से लडे़ तो उचित होगा।”

दरअसल, मायावती का इशारा दिवंगत मुलायम सिंह यादव पर था। क्योंकि संसद में PM मोदी को दूसरे कार्यकाल पर मुलायम ने आशीर्वाद दिया था।

अधिवक्ता महासभा में अखिलेश ने कहा कि आज एक पक्ष बुलडोजर लेकर चल रहा है, जबकि हम लोग बाबा अंबेडकर का संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा सरकार हर बात पर झूठ बोलती है। यहां तक कि सरकार शहीदों की संख्या भी छिपाती है। ये तानाशाही सरकार एक दिन सैन्य अधिकारियों के कोर्ट मार्शल भी शुरू कर सकती है, इसलिए हम लोग संविधान बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

अखिलेश ने कहा कि मेरे कपड़े भी अधिवक्ता भाइयों से मेल खाते हैं। इस बार परिवर्तन होना तय है। 2024 में परिवर्तन जरूरी है। अगर इस बार परिवर्तन नहीं हुआ, तो हमें वोट डालने का अधिकार भी नहीं मिलेगा। जो एजेंडा यहां पर रखा गया है वह एजेंडा महत्वपूर्ण है।

Umh News india

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *