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नए साल के पहले दिन सुनामी और भूकंप से दहला जापान, 34000 घरों में बिजली गुल

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जापान के इशिकावा प्रांत में भूकंप के बेहद तेज़ झटके महसूस किए गए, जिसके बाद समुद्र में उठी सुनामी की लहरों ने लोगों को दहशत में डाल दिया. जापान में सोमवार शाम आए पहले भीषण भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.6 मापी गई, वहीं इसके बाद एक और तेज़ भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 5.0 थी.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में 7 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर देश में सुनामी जारी की जाती है. हालांकि इस बार यह चेतावनी काफी गंभीर थी, जहां स्थानीय प्रशासन ने लोगों ने घर को खाली करके सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की थी.

इस भूकंप के बाद वहां समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें भी उठती दिखी. जापानी समाचार चैनल एनएचके के अनुसार, इशिकावा में वाजिमा शहर के तट पर 1 मीटर से अधिक ऊंची लहरें टकराईं. जापानी सार्वजनिक प्रसारक एनएचके के अनुसार, सुनामी की चेतावनी के बाद 5 मीटर तक की लहरों की आशंका के कारण लोगों से तटीय क्षेत्रों को जल्दी से छोड़ने और इमारतों के शीर्ष या ऊंची भूमि पर जाने का आग्रह किया गया था.

जापान की होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर कंपनी का कहना है कि उसने इशिकावा प्रान्त के नानाओ शहर में अपने नानाओ ओटा थर्मल पावर प्लांट में दो जनरेटर बंद कर दिए हैं. जापान के उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय समयानुसार शाम 5:30 बजे तक इशिकावा, निगाटा और टोयामा प्रान्त में लगभग 34,000 घरों में बिजली नहीं थी.

जापान में हालात को देखते हुए भारतीय दूतावास ने कंट्रोल रूम बनाया है, ताकि वहां बसे भारतीयों को सभी महत्वपूर्ण जानकारी और हरसंभव मदद मुहैया कराई जा सके.

इस भूकंप और उसके बाद आई सुनामी के मद्देनजर जापान के कई जगहों पर ट्रेन सेवा रोक दी गई है. लोगों को तटीय क्षेत्रों से तुरंत हटने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह सुनामी अनुमान से ज्यादा घातक हो सकती है और ऐसे में लोग अगले आदेश तक सुरक्षित जगह न छोड़ें.

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