अयोध्या में हनुमानगढ़ी की लाइन में 2 श्रद्धालुओं की मौत:, दर्शन के इंतजार में बेहोश हुए
अयोध्या में गुरुवार दोपहर हनुमानगढ़ी के सामने 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। झांसी के मुरलीधर 30 मिनट से दर्शन की लाइन में लगे थे। तभी अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। पत्नी ने चेहरे पर पानी के छींटे मारे। पुलिसवालों ने उन्हें सीपीआर दिया, फिर भी होश नहीं आया। पुलिस उन्हें एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लेकर गई। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
वहीं दिल्ली के राजेंद्र प्रसाद राजपूत की भी दर्शन के इंतजार में मौत हो गई। वह सुबह ही अयोध्या पहुंचे थे। करीब 1 घंटे से हनुमानगढ़ी के सामने दर्शन की लाइन में लगे थे।
डॉक्टरों ने बताया कि उनकी मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई। नेचुरल डेथ है। क्षेत्राधिकारी अयोध्या आशुतोष तिवारी ने बताया- पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंपा जाएगा।
प्रत्यक्षदर्शी राम प्रसाद ने बताया- मुरलीधर (75) झांसी के दमेले चौक के रहने वाले थे। आज अपने परिवार के साथ अयोध्या रामलला के दर्शन के लिए आए थे। दोपहर में करीब ढाई बजे हनुमानगढ़ी के सामने दर्शन के लिए लाइन में लगे थे। तभी बेहोश होकर गिर गए। तत्काल उनकी मौत हो गई।
दिल्ली के पार्क पंखा रोड निवासी राजेंद्र प्रसाद राजपूत गुरुवार सुबह परिवार के साथ अयोध्या पहुंचे। हनुमानगढ़ी के दर्शन के लिए कतार में लगे थे। तभी बेहोश होकर गिर गए। पुलिस की मदद से उन्हें पास के श्रीराम अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का कहना है कि हम लोग पहले स्नान के लिए महाकुंभ गए थे। उसके बाद नेपाल की यात्रा पर गए। वहां से लौटकर रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन के लिए अयोध्या आए थे। राजेंद्र प्रसाद राजपूत दिल्ली नगर निगम के रिटायर्ड कर्मचारी थे।
महाशिवरात्रि के दूसरे दिन 2 लाख लोगों ने किए रामलला के दर्शन महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भी अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ है। श्रद्धालु सरयू स्नान और नागेश्वरनाथ का अभिषेक करने के बाद हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। दोनों मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों को एक से दो घंटे लाइन में लगना पड़ रहा है। शाम 4 बजे तक करीब 2 लाख लोग रामलला के दर्शन कर चुके हैं।
सीपीआर क्या है? सीपीआर का पूरा नाम कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह एक प्रोसीजर है, जिसमें पेशेंट के सीने को कंप्रेस करके और मुंह-से-मुंह में सांस देकर उसकी जान बचाई जा सकती है। किसी व्यक्ति की दिल की धड़कन या सांस रुकने पर सीपीआर दिया जाता है।
कब देना होता है सीपीआर? अगर आपके आसपास कोई अचानक गिर गया है, उसकी सांस और धड़कन रुक गई है तो उसे सीपीआर की सख्त जरूरत है। ऐसी बहुत सी कंडीशन हो सकती हैं, जब किसी को सीपीआर देकर उसकी जान बचाई जा सकती है