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महाकुंभ पर UP DGP के बयान पर भड़के अखिलेश यादव, पूछ लिया ये सवाल

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लखनऊ. महाकुंभ के समापन पर उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी प्रशांत कुमार ने पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाई और कहा कि बिना शस्त्र के हमारे जवानों और अधिकारियों ने लोगों का मन जीता. इतना ही नहीं बिना किसी बड़ी घटना के इतने बड़े आयोजन का संपन्न करवाया. डीजीपी के इस बयान से प्रदेश का सियासी पारा गरमा गया है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हमलावर होते हुए कहा कि महाकुंभ भगदड़ में लोगों की जान गई, क्या यह छोटी घटना है.

दरअसल, महाशिवरात्रि के स्नान पर्व के साथ ही 45 दिनों बाद महाकुंभ का समापन हो गया. बुधवार को यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस ने बिना शस्त्र के अपने व्यवहार से लोगों का मन जीता. इस दौरान जिस तरह के थ्रेट परसेप्शन आ रहे थे हमारी पुलिस ने सबको ध्वस्त किया. ऐसा नहीं है कि ऐसे प्रयास नहीं किए गए. उन्होंने कहा कि इस दौरान 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में यूपी पुलिस ने भीड़ प्रबंधन, सिक्योरिटी ,पुलिसिंग में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अद्वितीय,अनुकरणीय मॉडल पेश किया जैसा में अब तक दुनिया में कहीं नहीं देखा गया. इन विश्व स्तरीय तकनीक, एआई समेत लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल भीड़ प्रबंधन और सर्विलांस में किया गया. अन्य एजेंसिंयों से भी हमें भरपूर सहयोग मिला. इस दौरान वाराणसी,अयोध्या और विंध्यवासिनी धाम में भी प्रतिदिन 5 से 10 लाख श्रद्धालु आए. बिना किसी बड़ी घटना के हमने महाकुंभ संपन्न कराया.

डीजीपी के इस बयान पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ के मुद्दे को फिर जोरशोर से उठा दिया. उन्होंने लिखा, ” श्रद्धालुओं की जान जाना क्या बड़ी घटना नहीं है? मृतकों की सच्ची लिस्ट का क्या हुआ?” गौरतलब है कि अखिलेश यादव लगातार भगदड़ में हुई मौतों का सही आंकड़ा जारी करने की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि सरकार जो मौतों का आंकड़ा दे रही है वह गलत है. इस भगदड़ में 30 से अधिक मौतें हुई हैं. अखिलेश यादव की मांग है कि सरकार सही आंकड़ा जारी कर मृतकों के परिजनों को मुआवजा दे.

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