Hindi News LIVE

अलीगढ़ : सपा सांसद प्रिया और क्रिकेटर रिंकू सिंह का रिश्ता पक्का

Share News
4 / 100

टीम इंडिया के स्‍टार बल्‍लेबाज रिंकू सिंह का रिश्ता पक्का हो गया है। उनका जौनपुर के मछली शहर की सांसद प्रिया सरोज के साथ रोका हुआ है। प्रिया सरोज समाजवादी पार्टी से सांसद हैं। पिता और पूर्व सांसद तूफानी सरोज बीते दिनों अलीगढ़ गए थे। उनकी रिंकू सिंह के परिवार से बात हुई थी।

खबर फैलते ही बधाई का दौर शुरू हो गया है। पिता तूफानी सरोज ने कहा, अभी ऐसी कोई बात नहीं है। बेटी की सगाई की बात चल रही है।

वहीं, जफराबाद के चेयरमैन प्रतिनिधि सरफराज ने कहा, सांसद प्रिया सरोज की रिंकू सिंह से रिश्ते की बातचीत हो गई है, लेकिन अभी सगाई नहीं हुई है।

रिंकू सिंह को इंग्‍लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना गया है। इस सीरीज की शुरुआत 22 जनवरी से होगी। टीम इंडिया के बल्लेबाज रिंकू सिंह पिछले दो सालों से टीम इंडिया के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रिया सरोज देश की दूसरी सबसे युवा सांसद हैं। सिर्फ 25 साल की उम्र में सांसद बन गई थीं। प्रिया सरोज सुप्रीम कोर्ट में वकील भी रह चुकी हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की।

रिंकू सिंह की मंगेतर प्रिया वाराणसी जनपद के पिंडरा तहसील के करखियांव की रहने वाली हैं। उनका जन्म 23 नवंबर 1998 को हुआ था। 18 वर्ष की उम्र पार करते ही सपा की न केवल सक्रिय सदस्यता ले ली थी, बल्कि पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में भी सक्रिय भागीदारी निभाती हैं। महज 25 साल की आयु में वह भाजपा के कद्दावर नेता बीपी सरोज को हराकर लोकसभा तक पहुंचने में सफल रहीं।

प्रिया सरोज के पिता तूफानी सरोज भी मछलीशहर लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे हैं। वो साल 1999, 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीते थे। KKR को दिए एक इंटरव्यू में रिंकू ने अपनी जिंदगी के बारे में बात की थी। उन्होंने बताया, परिवार में 5 भाई हैं। पापा सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे। हम पांचों भाइयों से भी काम करवाते, जब कोई नहीं मिलता तो डंडे से पीटते थे। हम सारे भाई बाइक पर 2-2 सिलेंडर रखकर होटलों और घरों में डिलीवर करने जाते थे। सभी ने पापा को भी सपोर्ट किया और जहां भी मैच होते तो सारे भाई एक साथ ही खेलने जाते थे।

मोहल्ले में 6-7 और लड़के थे, जिनके साथ पैसे मिलाकर गेंद लाते। टेनिस और लेदर बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। UP के अलीगढ़ में मॉडर्न स्कूल से भी क्रिकेट खेला। इंटर स्कूल टूर्नामेंट में 32 बॉल पर 54 रन की नॉटआउट पारी खेली।

शुरुआत में क्लब क्रिकेट खेलने का पैसा नहीं था तो सरकारी स्टेडियम में कार्ड बनवाकर प्रैक्टिस करता था। मैच खेलने के लिए पैसे लगते, घरवालों से मांगों तो कहते थे कि पढ़ाई करो।

पापा खेलने के लिए हमेशा मना करते थे, मम्मी थोड़ा सपोर्ट करती थीं। शहर के पास एक टूर्नामेंट हुआ, उसके लिए पैसे चाहिए थे। मम्मी ने दुकान से एक हजार रुपए उधार लेकर दिए थे।

4 / 100

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *