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जालौन : इंस्टीट्यूट के संचालक पर ठगी का आरोप, उत्तराखंड में कराई फर्जी परीक्षा

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जालौन, छात्राओं ने मुस्कान इंस्टीट्यूट आफ स्टडी के डायरेक्टर पर ठगी का आरोप लगाया है। छात्राओं का कहना है कि एडमिशन के नाम पर हजारों रुपए लेने के बावजूद भी उनकी परीक्षा नहीं कराई और उनके साथ धोखाधड़ी की गई। जिसकी शिकायत लेकर छात्राएं कलेक्ट्रेट पहुंची और जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की। डीएम ने जांच की बात कही है। जबकि इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने कहा कि छात्राओं के साथ किसी तरीके का फर्जी काम नहीं किया गया है। तीनों छात्राओं ने अपनी मर्जी से ही संस्थान छोड़ा है।

जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची छात्राओं ने बताया कि 2022 में मुस्कान इंस्टीट्यूट ऑफ स्टडी में बीएससी नर्सिंग में प्रवेश लिया था। इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ अंकुर शुक्ला ने आश्वासन दिया था कि बीएससी नर्सिंग में प्रवेश लेने से उनको बहुत लाभ मिलेगा।प्रत्येक सेमेस्टर की फीस 65 हजार रुपए लिए। साथ ही प्रैक्टिकल व परीक्षा फीस अलग से देने के लिए कहा था। ज्यादा फीस होने के कारण प्रवेश लेने से मना कर दिया था।

मगर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर ने फीस को किस्तों में देने के लिए कहा। जिसके बाद 2022-23 में बीएससी नर्सिंग कोर्स में प्रवेश लिया और बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जाना शुरू कर दिया और सेमेस्टर की फीस को किस्तों में जमा करना शुरू कर दिया। जिससे सेमेस्टर की परीक्षा दी जा सके। 6 माह पूरे होने पर जब परीक्षा नहीं हुई तो इंस्टिट्यूट के संचालक से परीक्षा कराने की बात कही। जिस पर इंस्टीट्यूट ने 10 हजार रुपए और जमा करने के लिए कहा। जिस पर 17 सितंबर 2023 को 9475 रुपए इंस्टिट्यूट में जमा कराए फिर भी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा नहीं कराई गई।

छात्रा राखी ने बताया कि परीक्षा कराने के लिए इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर अंकुर शुक्ला और इसकी देख रखे करने वाले डॉ. रिहान सिद्दीकी से कहा तो उन्होंने जालसाजी के तहत अन्य लड़कियों को उत्तराखंड के एक होटल में ले गये। जहां बिना कोई प्रवेश पत्र के एक फर्जी परीक्षा 18 सितंबर 2023 से 24 सितंबर 2023 के बीच डिवाइन कॉलेज आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंस में करवा दी। साथ ही कहा कि इस बारे में घर पर किसी भी अभिभावक को नहीं बताना। यदि किसी से जिक्र किया तो उसके साथ बुरा होगा।

डीएम ने जांच का दिया आदेश
राखी, शिवानी और निशि ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें बताया कि इंस्टिट्यूट संचालकों द्वारा परिवार पर दबाव बनाया और धमकी दी कि अगर रुपया मांगा और पुलिस से शिकायत की तो इसका अंजाम भुगतना होगा। इन लोगों ने फर्जी परीक्षा दिखाकर रुपए ठग लिए, जिसकी कई छात्राएं शिकार हुई हैं। छात्राओं ने इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर समेत अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने जांच के आदेश दिए हैं।

छात्राओं ने नहीं लिया था प्रवेश
इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ अंकुर शुक्ला ने बताया कि शिवानी और निशि ने 8 माह तक इंस्टिट्यूट में बीएससी नर्सिग की कोचिंग की। जब प्रवेश का समय आया तो वह अपनी मर्जी से नर्सिंग को छोड़कर चली गई। दोनों को कई बार प्रवेश के लिए बुलाया गया मगर वह नहीं आई। राखी ने भी प्रवेश नहीं लिया। जबकि उसके साथ नर्सिंग की तैयारी करने वाली सभी छात्राओं ने प्रवेश लिया है। राखी की तरफ से कुछ लोग इंस्टिट्यूट में आए थे, जिन्होंने सभी को धमकी भी दी है। इतना ही नहीं यदि छात्राएं प्रवेश लेना चाहती हैं तो उनको प्रवेश भी दिया जाएगा, यदि वह पैसा वापस लेना चाहती है तो उनको पैसा भी रिफंड कर दिया जाएगा। किसी भी छात्रा के साथ इंस्टीट्यूट द्वारा धोखाधड़ी नहीं की जाती है।

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