अपनी जन्मकुंडली से जानें कौन से व्यापार से होगा लाभ! जानें कैसे आएगा धन
प्रत्येक व्यक्ति के मन में एक सवाल होता है कि उसके जीवन में किस तरह से धन आऐगा. उसकी परेशानी का सबसे बड़ा कारण यही है. यदि व्यक्ति को अपनी कमाई की डेस्टिनेशन पता चल जाये तो उसे धन से सम्बंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.इसलिये आज हम आपको बता रहे हैं कि व्यक्ति को अपनी कमाई का निर्धारण किस तरह करना चाहिये जिससे उसे दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.
बृहस्पति : जन्म कुंडली में ग्यारहवे भाव में यदि देवगुरु बृहस्पति बैठे हैं तो व्यक्ति अपनी विरासत से, शिक्षा क्षेत्र से, बैंक धन या ब्याज आदि का कार्य करके, बीमा से या अपने पुश्तैनी धन से लाभ कमाएगा.
शुक्र : यदि जन्म कुंडली के एकादशी भाव में शुक्र ग्रह बैठे हुए हैं तो व्यक्ति को विवाह से अधिक धन प्राप्त होगा. ऐसा जातक जीवनसाथी की आय से धन अर्जित करेगा और लाभ कमाएगा
बुध : जिस व्यक्ति के एकादश भाव में बुध ग्रह होता है वह व्यक्ति व्यापार से धन अर्जित करता है. ऐसा जातक ऋण देने का कार्य भी करता है . इसके साथ-साथ वह अपने बुद्धि और कार्य कुशलता से धन लाभ करता है.
चंद्र : जिस व्यक्ति के एकादश भाव में चंद्र ग्रहण बैठा होता है. वह व्यक्ति दूध से संबंधित कार्य या सेल परचेज का बिजनेस इसके अलावा माता या बड़ी बहन से धन लाभ अर्जित करता है.
सूर्य : एकादश भाव में यदि सूर्य ग्रह बैठा है तो व्यक्ति पैतृक संपत्ति राजनीतिक क्षेत्र या सरकारी माध्यम से धन लाभ अर्जित करता है. ऐसे व्यक्ति को पिता से भी बड़ा धन प्राप्त होता है.
शनि : एकादश भाव में यदि शनि ग्रह बैठा होता है तो व्यक्ति खदान से संबंधित कार्य करता है. इसके साथ ही लोहा, चमड़ा उद्योग, तेल, कोयला आदि की कार्य से भी व्यक्ति को बड़ा धन प्राप्त होता है.
मंगल : 11वें भाव से मंगल का संबंध व्यक्ति को जमीन से संबंधित कार्य, कंस्ट्रक्शन और कृषि क्षेत्र के अलावा डिफेंस सेक्टर से धन लाभ करवाता है.
राहु : यदि एकादश भाव में राहु उपस्थित है तो व्यक्ति विदेश से धन लाभ करता है. इसके साथ ही ससुराल से, इंश्योरेंस या किसी भी स्रोत से उसको अचानक धन लाभ हो जाता है.
केतु : एकादश भाव में केतु के उपस्थित होने से व्यक्ति को आॅकल्ट साइंस , गुप्त विधाओं, तंत्र-मंत्र, धर्म क्षेत्र अथवा नाना से धन लाभ प्राप्त होता है.