रिलेशनशिप- खुश रहने के लिए कितना जरूरी है पैसा
हममें से बहुत लोग मानते हैं कि पैसे से खुशी नहीं खरीदी जा सकती है। वहीं, आज के समय में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो मानते हैं कि खुश रहने में पैसे की भूमिका बहुत बड़ी है।
क्या आप मानते हैं कि पैसे के बिना खुश नहीं रहा जा सकता है? आपने ऐसे लोग भी देखे होंगे, जिनके पास बहुत पैसा नहीं है, फिर भी वे खुश रहते हैं। वहीं, कई लोग ऐसे हैं, जो साधन संपन्न हैं, उनके पास ढेरों भौतिक सुख-सुविधाएं मौजूद हैं। इसके बावजूद वे खुश नहीं हैं और तनाव में जी रहे हैं।
ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि-
- क्या पैसे से खुशी मिलती है?
- पैसे का स्ट्रेस और खुशी से क्या संबंध है?
- खुश रहने के लिए कितना पैसा जरूरी है?
खुशी की परिभाषा हर किसी के लिए अलग हो सकती है। कोई खुशियों को अपनी सुरक्षा और भलाई से जोड़ता है। कई लोग इसे अपने परिवार, दोस्त या फिर किसी और जरूरी चीज से जोड़ते हैं।
इस विषय पर गहराई से सोचने पर एक बात साफ होती है कि खुशी हमेशा बाहरी चीजों पर निर्भर नहीं होती है। खुशी हमारी इमोशनल और मेंटल सिचुएशन पर निर्भर करती है। हालांकि, पैसा हमें खुश भले ही न रख पाए, लेकिन आज के समय में कई सारी समस्याओं से बचा सकता है।
हमारे मन में अक्सर यह सवाल आता है कि क्या इनकम बढ़ने से खुशी मिलती है? या ढेर सारा पैसा हमें ज्यादा खुशी दिला सकता है? साल 2021 में प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) में छपी एक रिसर्च के अनुसार, इनकम और खुशी का सीधा संबंध है।
इस स्टडी में 33,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया, जिसमें में पता चला कि जो लोग ज्यादा कमाते हैं, वे आम तौर पर ज्यादा खुशी महसूस करते हैं और अपनी जिन्दगी से ज्यादा संतुष्ट होते हैं।
पैसे के महत्व को समझने के साथ-साथ हमें यह भी देखना जरूरी है कि कम आय वाले लोगों की मानसिकता पर इसका क्या असर पड़ता है। जब कोई व्यक्ति फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स से गुजरता है, तो उसकी मानसिक स्थिति पर इसका गहरा असर पड़ता है।
गरीबी न केवल शारीरिक थकान और मेंटल स्ट्रेस बढ़ाती है, बल्कि यह कई बार लोगों को बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष करने पर मजबूर करती है। ऐसे में व्यक्ति रोटी, कपड़ा और मकान के लिए भी संघर्ष करता हुआ दिखता है। गरीबी का मतलब केवल वित्तीय संकट ही नहीं है, बल्कि इसकी वजह से सामाजिक और मानसिक दबाव भी पैदा होता है। अगर परिवार का कोई सदस्य बीमार है और पैसे की कमी की वजह से इलाज नहीं मिल पा रहा है, तो ऐसी स्थिति में परिवार के सदस्यों को स्ट्रेस हो सकता है। साथ ही मरीज की स्थिति तनाव की वजह से और बिगड़ सकती है।
ज्यादा पैसे, ज्यादा तनाव?
अक्सर ऐसा माना जाता है कि ज्यादा पैसे से जिंदगी आसान हो जाती है, लेकिन अधिक आय वालों को अधिक तनाव भी हो सकता है। अधिक पैसे के साथ आने वाली जिम्मेदारियों और स्ट्रेस का असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। यह स्ट्रेस कभी-कभी आपकी खुशी छीन लेता है।
पैसे से सुविधाएं हासिल की जा सकती हैं। जैसे, अच्छी छुट्टियां, महंगे रेस्टोरेंट्स और लग्जरी लाइफ, लेकिन अगर आप काम में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि आपको अपने परिवार, दोस्तों या अपने लिए समय नहीं मिल पाता, तो ये सुख भी फीके पड़ सकते हैं।
यही कारण है कि अधिक पैसे कमाने वाले लोग कभी-कभी परिवार के साथ उन छोटी खुशियों का आनंद नहीं ले पाते हैं। जबकि कम आय वाले लोग अपने परिवार और करीबियों के साथ आसानी खुशी के पल बिताते हैं।