Health

ठंड में पैरों में इन्फेक्शन का खतरा, पैरों को नमी से बचाएं, गंदे मोजे न पहनें, 7 टिप्स

Share News

सर्दियों में ठंडी हवाओं और कम तापमान की वजह से स्किन ड्राई होने लगती है। इससे स्किन से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं।

ठंड में पैरों में इन्फेक्शन के मामले भी खूब देखे जाते हैं। एड़ियां फटने लगती हैं और तलवे में फंगस की वजह से खुजली, दर्द या सूजन की समस्या होने लगती है। इसके कारण कई बार चलने में भी परेशानी होती है। हालांकि अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इस समस्या से बचा जा सकता है।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि सर्दियों में पैरों में इन्फेक्शन का खतरा क्यों बढ़ जाता है? साथ ही जानेंगे कि-

  • सर्दियों में पैरों की विशेष देखभाल क्यों जरूरी है?
  • ठंड में पैरों को इन्फेक्शन के खतरे से कैसे बचा सकते हैं?

सर्दियों में हवा में नमी यानी ह्यूमिडिटी कम हो जाती है। इससे हमारी स्किन का नेचुरल मॉइश्चर कम होने लगता है। हाथों-पैरों की स्किन में ड्राईनेस बढ़ जाती है।

वहीं इस मौसम में पैरों में इन्फेक्शन का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि लोग ठंड के दिनों में ज्यादातर समय मोजे पहने रहते हैं। गंदे मोजे भी पैरों में इन्फेक्शन कारण बनते हैं।

ठंड में स्किन और नाखून ड्राई हो जाते हैं, जिससे वे कमजोर होने लगते हैं। इस कारण यह चोट और इन्फेक्शन के प्रति अधिक सेंसिटिव हो जाते हैं।

इसके अलावा इस मौसम में पैरों में इन्फेक्शन का सबसे बड़ा कारण जूतों में नमी का होना है। लंबे समय तक खराब फिटिंग वाले या टाइट जूते पहनने से भी पैरों में फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।

पैरों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए बेसिक हाइजीन मेंटेन करना जरूरी है। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें–

ठंड में उन जगहों पर नंगे पैर जानें से बचें, जहां ज्यादा नमी रहती है।

इसके लिए कम-से-कम दिन में दो बार पैरों को अच्छी तरह धोएं। पैर धोने के बाद उन्हें अच्छे से सुखाना न भूलें। खासकर उंगलियों के बीच के हिस्से में नमी न रहने दें।

हल्के और हवादार मोजे पहनें। नियमित रूप से अपने मोजे को बदलें। कभी भी गंदे मोजे न पहनें। किसी भी व्यक्ति के साथ अपने जूते या मोजे शेयर न करें। इससे भी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है।

सर्दियों में पैरों में इन्फेक्शन का खतरा कुछ लोगों में अधिक होता है। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए-

  • बुजुर्गों में इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है।
  • डायबिटीज और हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को भी पैरों के इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनके पैरों में ब्लड फ्लो कम होता है।
  • जिन लोगों के पैर में चोट या कोई घाव है, उन्हें भी ठंड के मौसम में पैरों में इन्फेकशन का खतरा अधिक रहता है।

पैरों में इन्फेक्शन होने पर घरेलू उपचार करने से बचना चाहिए। इससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। अगर नाखून के आसपास खून आ रहा है, दर्द या सूजन है और इस कारण चलने में परेशानी हो रही है तो ऐसी स्थिति को नजरअंदाज न करें। तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से किसी तरह का उपचार न करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *