लखनऊ : ठगी के लिए भिखारियों की ID पर बैंक खाते, सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स ने जुटाए डॉक्यूमेंट्स
लखनऊ में PGI की डॉ. रुचिका टंडन से ठगी मामले में नया खुलासा हुआ है। साइबर क्रिमिनल ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए भिखारियों की ID का इस्तेमाल करते थे। अलग-अलग जगहों से भिखारियों को 1-2 हजार रुपए देकर उनकी ID ली जाती थी।
भिखारियों के पहचान पत्र से अलग-अलग बैंक में अकाउंट खोले जाते थे। इसमें साइबर ठग अपना मोबाइल नंबर एड करवाते और भिखारियों के अकाउंट को खुद हैंडल करते थे। इससे वे ठगी की रकम को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करते।
पूछताछ में पता चला कि वे ऐसा इसलिए करते थे, ताकि अकाउंट डिटेल के आधार पर पुलिस उन्हें ट्रेस न कर पाए। जब तक पुलिस एक खाते के पते पर पहुंचती, तब तक वह रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर हो जाती थी।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुटाते थे भिखारियों की ID साइबर थाना पुलिस ने बुधवार को सहारनपुर से रॉबिन कुमार और संभल के रहने वाले नितिन गुर्जर को गिरफ्तार किया। वे दोनों खुद को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बता रहे हैं, लेकिन डिग्री नहीं दिखा पाए।
दोनों ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताया कि वे ठगों के लिए बैंक खाते खुलवाने का काम करते थे। भिखारियों और दूसरे जरूरतमंद लोगों को पैसे देकर उनकी ID लेते। उसी ID से बैंक खाता खोला जाता था।
उत्तराखंड में खोला था फर्जी ऑफिस साइबर ठगों ने बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर उत्तराखंड में भी एक फर्जी ऑफिस खोला था। वहां पर भी वे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर उनके कागजात जमा कराते और उसका भी यूज करते थे। कई खाते बेरोजगारों की ID पर भी खोले गए।
18 लोग गिरफ्तार-जल्द दाखिल होगी चार्जशीट लखनऊ में डॉ. रुचिका टंडन से 2 करोड़ 81 लाख की ठगी मामले में अब तक 18 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें से 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट लगभग तैयार है। बाकी बचे 8 लोगों के खिलाफ भी जल्द चार्जशीट तैयार की जाएगी।
सीनियर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जल्द चार्जशीट दाखिल इसलिए की जा रही है, ताकि आरोपी देरी का फायदा न उठा सकें।
लखनऊ की डॉक्टर से की थी 2.8 करोड़ की ठगी लखनऊ में PGI की महिला डॉक्टर रुचिका टंडन से 2.8 करोड़ की ठगी हुई। ठगों ने CBI अफसर बनकर उन्हें फंसाया। 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। 7 अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कराए।
डॉक्टर रुचिका से कहा- आपका नाम जेट एयरवेज के मालिक के मनी लॉन्ड्रिग केस में आया है। बचना चाहती हैं, तो पैसे ट्रांसफर करिए। पैसे भेजने के बाद भी ठग की डिमांड बढ़ती गई, तब महिला डॉ. को ठगी का शक हुआ। पीड़िता ने 10 अगस्त को साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।