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बर्खास्त आर्मी मैन के अकाउंट में आए 1.82 करोड़, देश विरोधी गतिविधि की आशंका

लखनऊ में सेना के रिजर्व सप्लाई डिपो में तैनात रहे स्टोर हैंडलर प्रिंस कुमार सिंह के 12 बैंक खातों में 1.82 करोड़ रुपए आए। इसकी जानकारी होने पर मंगलवार रात कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल मिथिलेश यादव ने आलमबाग थाने में बर्खास्त आर्मी मैन प्रिंस पर FIR दर्ज कराई है। आशंका है कि प्रिंस देश विरोधी गतिविधियों में भी शामिल है। उसे कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद 19 दिसंबर 2023 को बर्खास्त किया जा चुका है।

सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के समय प्रिंस के पास एक चाइनीज लैपटॉप बरामद हुआ था। बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स ने लैपटॉप को चेक किया। लैपटॉप में चार ड्राइव C, D, E और F मिलीं। इसमें से केवल C ड्राइव खुल सकी। अन्य तीनों लॉक हैं। पूछताछ में प्रिंस ने बताया कि यह लैपटॉप उसका नहीं, बल्कि साली का है।

लेफ्टिनेंट कर्नल की ID से एयर टिकट बुक कराने पर हुआ खुलासा
लेफ्टिनेंट ने अपनी तहरीर में लिखा है कि 29 सितंबर 2019 में सिपाही प्रिंस कुमार सिंह लखनऊ के आलमबाग में रिजर्व सप्लाई डिपो में पोस्ट हुआ था। 20 अप्रैल 2022 में उसने अपना, पत्नी अर्चना और बच्चों के लिए बेंगलुरु के एयर टिकट बुक किए थे। जिसमें उसने लेफ्टिनेंट कर्नल मिथिलेश यादव की आईडी का इस्तेमाल किया था।

उसने उनकी जगह अपनी ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर लिख दिया, जिससे उनको जानकारी नहीं हुई। यही नहीं उसने यात्रा भी उन्हीं के नाम की। इसकी जानकारी होने पर विभागीय जांच कराई गई। जिसमें पूछताछ के दौरान उसने अपराध कबूल किया और बताया कि वह बेंगलुरु घूमने नहीं बेटे का इलाज कराने गया था। इसी जांच में सामने आया कि उसके 12 बैंक खात हैं। जिसमें 1.82 करोड़ रुपये हैं। यह पैसे देश के बार्डर से सटे इलाकों से भेजी गई। जिससे संदिग्धता लग रही है। इसलिए मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जाए।

फ्रॉड की जानकारी पर हुई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी, फिर बर्खास्त
सिपाही प्रिंस कुमार के फ्रॉड की जानकारी पर उसके खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी हुई। जिसमें उसने 12 बैंक खातों की रकम का ब्योरा और साली के नौकरी से जुड़े फर्जी दस्तावेज के बारे में जानकारी नहीं दे सका। सबूतों के आधार पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद आरोपी प्रिंस को 19 दिसंबर 2023 को बर्खास्त कर दिया गया।

आलमबाग इंस्पेक्टर शिवशंकर महादेवन ने बताया कि मामले में तहरीर के आधार पर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करना, आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। उपलब्ध साक्ष्यों की विवेचना के दौरान तस्दीक कर मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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