Kumbh Mela Map: महाकुंभ जा रहे तो जान लें कहां करना है स्नान और कहां ठहरें
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला पूरे भव्य तरीके से चल रहा है. देशभर से लाखों-करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करने प्रयागराज पहुंच रहे हैं. मौनी अमावस्या पर तो यहां इतनी बड़ी संख्या में भीड़ पहुंच गई थी कि भगदड़ मच गई. हालांकि, क्या आपको पता है कि महाकुंभ क्षेत्र को किस तरह बांटा गया है? नहीं पता.. तो चलिए हम आपको समझाने की कोशिश करते हैं कि इस क्षेत्र को कैसे बांटा गया है. कहां से आप प्रवेश कर सकते हैं और कहां-कहां आप डुबकी लगा सकते हैं. चलिए जानते हैं सबकुछ…
इसके लिए पहले आपको नीचे दिया गया ये पूरा मैप देखना होगा. यहां आपको महाकुंभ क्षेत्र नजर आ रहा है. सबसे पहले संगम नोज के बारे में बात करते हैं. ये संगम नोज है यानी कि यहां पर यमुना, गंगा और गुप्त सरस्वती हैं. लोग इसी जगह पर स्नान करने का सपना लेकर महाकुंभ आ रहे हैं. यहां पर कई अलग-अलग स्नान घाट बनाए गए हैं. जहां पर लोग आस्था की डुबकी लगा सकते हैं. इन घाटों पर भी वही अविरल पानी जो है वो संगम नोज पर है. यानी की आप यहां पर भी स्नान कर सकते हैं.
इसके बाद आपको लेकर चलते हैं प्रवेश मार्ग पर. यहां से आपको अंदर जाना होगा. इसके पास ही आपको तस्वीर में परेड क्षेत्र नजर आ रहा होगा. वहीं, इसके अलावा दूसरी साइड देखें तो अखाड़ों के क्षेत्र नजर आएंगे. यहां पर 13 अखाड़े हैं. साधु-संतों के लिए यहां पर व्यवस्था की गई है. वहीं, दूरदराज से आ रहे श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था भी की गई है. ये लोग टेंट सिटी में रुक सकते हैं. कई घंटों की यात्रा से चूर श्रद्धालु अपनी थकान मिटा सकते हैं.
हम आपको 4000 हेक्टेयर में फैले महाकुंभ क्षेत्र के बारे में सबकुछ बताने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे अगर आप यहां जाना चाह रहे हैं, तो आपको सारी जानकारी हो. आज ही 1,00,00,000 से ज्यादा श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. उन्होंने आस्था की डुबकी लगाई हैं. कल हुए हादसे के बाद सब भक्तों से यही अपील की जा रही है कि आपके आसपास जो घाट है, वहां पर स्नान करें. संगम नोज की तरफ नहीं आने की सलाह दी जा रही है.
दरअसल, संगम नोज जहां पर गंगा, यमुना, सरस्वती का मिलन होता है, इसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है. लोग अक्सर यहीं पर डुबकी लगाने आते हैं. ऐसे में लोगों से यही अपील की जा रही है कि 40 ऐसे और घाट तैयार किए गए हैं. आप इन घाटों पर भी आस्था की डुबकी लगा सकते हैं.