सुल्तानपुर में मनरेगा के मजदूरों की हाजिरी में घोटाला
सुल्तानपुर में मनरेगा योजना में घोटाले का मामला सामने आया है। लंभुआ ब्लॉक के जखनीकलां गांव में एक निजी तालाब पर बिना किसी काम के 121 मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाई गई। यह तालाब मछली पालन के लिए रामजियावन को 10 साल के पट्टे पर दिया गया है।
जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 28 जनवरी को जब तालाब पर कोई मजदूर काम नहीं कर रहा था। तब भी ऑनलाइन डाटा में 121 मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गई। स्थानीय निवासी 70 वर्षीय कृपाली ने इस बात की पुष्टि की। काम स्थल पर नागरिक सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया गया। जो नियमों का उल्लंघन है।
घोटाले में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। एक उदाहरण में, स्थानीय निवासी अमर बहादुर की तस्वीर का इस्तेमाल कर उसे दीपक नाम से दर्शाया गया। जबकि वास्तविक दीपक बेंगलुरु में काम करता है। लंभुआ ब्लॉक के कुल 20 गांवों में उसी दिन 1009 मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी दर्ज की गई। जिसकी जांच होनी आवश्यक है।
ग्राम सभा के सचिव रामराज ने स्पष्ट किया कि पट्टे के तालाब पर मनरेगा मजदूरों से खुदाई नहीं कराई जा सकती। उन्होंने कहा कि उनसे किसी डिमांड पर हस्ताक्षर नहीं लिए गए हैं। एपीओ (मनरेगा) स्मिता सिंह ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।